रायपुर। चुनाव में फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड से आधार कार्ड को लिंक करने की मांग पूर्व मंत्री और एआईसीसी मेंबर मोहम्मद अकबर ने की है। अकबर ने इसके लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ई-मेल किया है। उन्होंने लिखा है कि मतदान में भी आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि फर्जी मतदाता चुनाव परिणाम को प्रभावित न कर सकें और फर्जी मतदान को रोका जा सके।
ये लिखा है पत्र में
2013 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई जिनमें कि निर्वाचक नामावालियों मे हजारों की संख्या में ऐसे व्यक्तियों के नाम राजिस्ट्रीकृत थे, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 19 के अन्तर्गत उस निर्वाचन क्षेत्र के मामूली तौर से निवासी नहीं होने के कारण मतदाता सूची में रजिस्ट्रीकृत होने के लिए हकदार नहीं थे।
मोहम्मद अकबर ने इसका उदाहरण देते हुए लिखा कि ऐसी घटनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी जहां से भी नरेन्द्र दामोदर दास मोदी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे वहां के निर्वाचन नामावली में कई नाम ऐसे व्यक्तियों के शामिल थे जो की उस क्षेत्र के मामूली तौर से निवासी नहीं थे। इसी प्रकार से छत्तीसगढ़ विधान सभा सामान्य निर्वाचन 2013 में विधान सभा क्षेत्र बिलासपुर की निर्वाचन नामावली में सैकड़ों की संख्या में ऐसे व्यक्तियों के नाम शामिल थे जो की उस क्षेत्र के मामूली तौर से भी निवासी नहीं थे। इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में एक निर्वाचन याचिका E.P. NO 9/2014 दायर की गई थी जिसमें साक्ष्य प्रस्तुत किये गए थे। इसी तरह फर्जी मतदाताओं एवं मतदाताओं की संख्या के विषय में एक चुनाव याचिका E.P. NO 13/2014 भी उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में दायर की गई थी जिसमें साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे। उन्होने बताया है कि छत्तीसगढ़ के उन विधानसभा में यह समस्या ज्यादा है जो कि अन्य राज्यों की सीमा से लगे हुए हैं।
निर्वाचक नियमावली में है त्रुटियां
लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम 1950 के अन्तर्गत निर्वाचक नामावली में मतदाता के रूप पंजीकृत करने सम्बंधी उपबन्ध ऐसे है कि किसी व्यक्ति के वास्तव में मामूली तौर पर निवासी होने के समुचित साक्ष्य के बिना ही उसका नाम रजिस्ट्रीकृत कर दिया जाता है। इसका लाभ ऐसे प्रत्याशी उठाते हैं जो आर्थिक दृश्टि से सक्षम होते हैं। ऐसी घटनाओं से निर्वाचन के परिणाम निश्चित रूप से प्रभावित होते हैं, जिसके कारण निर्वाचन की शुचिता और लोकतंत्रात्मक पद्धति पर प्रश्न चिन्ह लगता है। भारत निर्वाचन आयोग एवं विभिन्न राज्यों के निर्वाचन पदाधिकारियों के समक्ष इस प्रकार की अनेक शिकायतें प्राप्त होती रही है लेकिन आयोग इस प्रकार की अवैधानिक गतिविधियों को तकनीकी कारणों से रोकनें में विफल रहा है। ऐसी स्थिति में निर्वाचकों को भी आधार कार्ड से लिंक किया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिये ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हो सके।
देखिए क्या कहा मोहम्मद अकबर ने
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