नीरज काकोटिया, बालाघाट। कभी-कभी परिस्थितियां इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसे हालात पैदा कर देती है, जिससे इंसान लाचार हो जाता है। ऐसा ही कुछ वाक्या बालाघाट से सामने आया है, जहां राधेलाल के सपने भी विपत्ति में फंसने के कारण अधूरे रह गए और उसकी बेटियों की पढ़ाई में व्यवधान आ गया। जिसको लेकर वह परिवार सहित कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मदद की गुहार लगाई, जिसे अब जिला प्रशासन ने पूरी मदद का भरोसा दिया है। इतना ही नहीं बालाघाट कलेक्टर ने रेडक्रॉस से 15 हजार रुपये की राशि की मदद भी उसे दी है।

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दरअसल, बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र के वनांचल ग्राम कनारी निवासी राधेलाल अड़में बहुत गरीब है, किसी अपराध में उसे जेल हो गई थी। राधेलाल के जेल जाते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि घर में कमाने वाला सिर्फ राधेलाल ही था। उसकी पत्नी ने अपनी दोनों बेटियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वह बड़ी बेटी अंकिता जो कक्षा दसवीं में थी, उसकी परीक्षा फीस नहीं दे पाई और उसकी पढ़ाई छूट गई। छोटी बेटी संगीता कक्षा सातवीं में पढ़ रही है।

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वहीं अब 6 साल बाद राधेलाल के जेल से आने के बाद उसने अपनी बेटियों की पढ़ाई की चिंता की और कलेक्ट्रेट में मदद की गुहार लेकर आया, जिस पर कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने राधेलाल की परिस्थिति और उसकी बेटियों की पढ़ाई के प्रति ललक देखकर रेड क्रॉस से 15 हजार की राशि का चेक राधेलाल को दिया। साथ ही प्रशासन ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

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