रायपुर. शास्त्रों के अनुसार सभी नौ ग्रहों में देवगुरु बृहस्पति सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने गए हैं. देवगुरु बृहस्पति 22 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर मीन राशि की यात्रा समाप्त करके मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस यात्रा के मध्य ये 4 सितंबर को सायं 7 बजकर 40 मिनट पर वक्री होंगे और 31 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 11 मिनट पर मार्गी होंगे. मेष राशि पर इनके गोचर का अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में आपकी कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में है तो इन छोटे-छोटे उपायों से आप गुरु को मजबूत कर सकते हैं.

पीला रंग भगवान बृहस्पति देव का है. इसलिए गुरु से जुड़ी पीली वस्तुएं जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल, आम, केला आदि दान करें. ऐसा करने से बृहस्पतिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं. अगर अपनी कुंडली में बृहस्पति को उस स्थिति में लाना चाहता है तो गुरुवार के दिन व्रत रखने चाहिए. इस दिन पीले वस्त्र पहनें और बिना नमक का पीला भोजन करें. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से भी लाभ मिलता है.

विवाह में अड़चने आ रही हों तो शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन सोने में जड़ित पुखराज पहनना अच्छा होता है. इसे ज्योतिष की सलाह के बाद पहनें. अगर पुखराज नहीं पहन सकते तो हल्दी की गांठ या केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर दाहिनी भुजा या गले में लॉकेट बनाकर पहनें. इससे गुरु ग्रह मजबूत होगा और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी.

आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरुवार को गोमती चक्र, कौड़ी, केसर और हल्दी का टुकड़ा इनमें से कोई एक चीज भी आप अपने पर्स में रख सकते हैं. ये वस्तुएं समृद्धि का कारक मानी गईं है. इससे आपके पास पैसों की कमी नहीं आएगी.
स्वास्थ संबंधी समस्या दूर करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा के बाद भगवान सत्यनारायण की या बृहस्पतिवार की कथा सुनना बहुत अच्छा माना गया है.