निलेश भानपुरिया, झाबुआ। आज के वैज्ञानिक युग में भी लोग तंत्र-मंत्र, टोने-टोटकों में पड़ कर ना जाने कितने अनर्थ अपने ही मासूम बच्चों के साथ कर रहे हैं। एक ऐसा ही मन को पीड़ा पहुंचाने वाला मामला आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र झाबुआ के जिला अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती बच्चों के साथ देखने को मिला है। इन सभी के सीने और पेट पर गर्म सलाखों से दागने के निशान हैं। दरअसल, बीमार होने पर इलाज के नाम पर तांत्रिक ने ये दर्द मासूम बच्चों को दिया है।
जिला अस्पताल में 7 महीने के अजय, 2 महीने के मेशरा और 6 महीने के कृष्णा को भर्ती कराया गया है। जो झाबुआ जिले के ग्राम पिपलियाखदान, हड्मतिया व समौई गांव के रहने वाले हैं। इनके परिजनों ने बताया कि सर्दी जुखाम बिगड़ जाने के बाद इन बच्चों को निमोनिया हो गया था। 20 दिन तक घरेलू उपचार किया लेकिन ठीक नहीं हुए तो बच्चों को एक तांत्रिक के पास ले गए। जहां तांत्रिक ने इसे डामना बीमारी का नाम देते हुए तीनों बच्चों के पेट पर गर्म सलाखों से दाग दिया।
दागने के बाद इन मासूम बच्चों की हालत और बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने पीआईयू वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले शहडोल जिले में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, कई मासूम बच्चों की मौत भी हो चुकी है।
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