हेमंत शर्मा,रायपुर. संविलियन की घोषणा के बाद शिक्षाकर्मियों में संशय चल रहा है. जिसको लेकर वर्ग तीन के शिक्षकों द्वारा समानुपातिक वेतन देने की मांग को लेकर बैठक की जा रही है. शिक्षाकर्मी 8 वर्ष बंधनमुक्त और क्रमोन्नत के साथ समानुपातिक वेतन की मांग कर रहे है. प्रदेश में वर्ग 3 की संख्या 1 लाख 20 हजार से ज्यादा है. ये शिक्षक चाहते हैं कि इस संविलियन में इस वर्ग को भी ध्यान में रखकर मुहर लगाई जाए.
शिक्षाकर्मियों का कहना है कि वर्ग तीन और 8 साल से कम वाले शिक्षकों को भी इस संविलियन में ध्यान रखा जाए. संविलियन का पूरा फायदा वर्ग 3 के शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है. वर्ग तीन में दो और एक की अपेक्षा कम वेतन है. इस अंतर को कम किया जाए. वेतन विसंगतियों को दूर कर सातवां वेतनमान लागू किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि वर्ग 3 का समानुपातिक वेतन, समस्त वर्गों के वेतन विसंगति, बिना वर्ष बन्धन के समस्त शिक्षाकर्मियों को संविलियन, दिवंगत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को 2010 के बाद से अब तक लंबित अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने और नियमों में शिथलीकरण करने, पदोन्नति से वंचित शिक्षाकर्मियों के लिए क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान, सभी वर्गों को पदोन्नति के अवसर प्रदान किया जाए. साथ ही सभी समस्याओं का स्थाई रुप से दूर कर दिया जाना चाहिए.
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बता दें कि मुख्यमंत्री रमन सिंह 10 जून को अंबिकापुर में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी. यह उनकी संविलियन की बहुत पुरानी मांग थी. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट का अध्यन करने के बाद ये फैसला लिया था. इस संविलियन का स्वरुप रमन सिंह की हाई पावर कमेटी के पास है जिसका खुलासा कल होने वाले कैबिनेट की बैठक में होगा.