प्रतीक चौहान. रायपुर. नागपुर रेल मंडल में पिछले दिनों हुई एफसीआई की 471 बोरी चावल की चोरी के मामले में आईजी खुद घटना स्थल पहुंचने वाले है. इसको लेकर उनका एक शेड्यूल भी जारी हो गया है.

 लेकिन अब ये पूरी चोरी सवालों के घेरे में है. सवालों के घेरे में इसलिए क्योंकि चोरी के कई दिनों बाद जोन से आईजी ने 4-5 इंस्पेक्टरों की एक टीम बनाई. इसी देरी के कारण चोरी का चावल जिस राइस मिल में रखा था वहां से रिकवरी में आरपीएफ को तकनीकी समस्या हुई. अब सवाल ये उठता है कि नागपुर रेल मंडल ने जोन को इस चोरी की घटना देरी से दी या जोन से टीम देरी से बनाई ?

इसके बाद पिछले करीब 1 हफ्ते से टीम नागपुर रेल मंडल के कामठी थानाक्षेत्र और आस-पास के गांवों में डेरा जमाए हुए है. इसी बीच अब एक शेड्यूल आईजी का जारी हुआ है, जिसमें वे घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे.

लेकिन सवाल ये है कि चोरी के इतने दिनों बाद निरीक्षण क्यों ? वहीं जानकार बताते है कि आरपीएफ के नियमों के मुताबिक अब तक आईजी को घटना स्थल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट भी डीजी को चोरी के 15 दिनों के अंदर सौंप दी जानी चाहिए थी. क्योंकि ये स्पेशल रेलवे केस है. जबकि इस चोरी की रिपोर्ट 2 अप्रैल को दर्ज की गई थी.

क्या है पूरा मामला

सूत्र बताते है कि 27 मार्च को कामठी क्षेत्र के चांचेर यार्ड में दो चावल से भरी वैगन पहुंचती है. उसे फिर  चांचेर एनटीपीसी के साइडिंग भेज दिया जाता है. यहां पर लाइन नंबर 5 में वैगन खड़ी कर दी जाती है, लेकिन इसकी कोई भी सूचना आरपीएफ को नहीं दी जाती है.

इसके बाद यहां 2 अप्रैल को रेलवे स्टॉफ से सूचना दी जाती है कि यहां वैगन डिस्टर्ब है, संभवतः वहां से कुछ चावल गायब है. आरपीएफ की टीम पहुंचती है, इसकी तत्काल सूचना नागपुर रेल मंडल के डीएससी, जोन की टीम और तमाम अधिकारियों को दी जाती है. जोन से एएससी भी घटना स्थल पहुंचते है. इसी दौरान कामठी की टीम अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू करती है. इसी बीच दोनो अधिकारियों के सस्पेंशन का ऑर्डर जारी होता है.

मामला गंभीर होने के कारण जोन से दो टीमें कामठी में कार्रवाई के लिए रवाना होती है. इसके साथ ही गोंदिया सीआईबी, नागपुर सीआईबी, समेत नागपुर रेल मंडल की अन्य टीमों की भी इस मामले में कार्रवाई के लिए इंट्री होती है. सूत्र बताते है कि एक आरोपी की निशानदेही पर दो गांवों में आरपीएफ डेरा जमाए हुए है और जहां-जहां चावल रखे गए थे उसे बरामद किया जा रहा है.

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