रायपुर। दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाई आईईडी से डीआरजी के 10 जवान और 1 ड्राइवर शहीद हो गए हैं. इस घटना में जवानों की शहादत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक जताया है. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. वहीं इस घटना के बाद सियासत भी गरमा गई है. नक्सली हमले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है.
इस घटना की जितनी निंदा की जाए काम है- अरुण साव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला में अरनपुर में नक्सलियों द्वारा किए गए ब्लास्ट में 11 जवानों की शहादत को नमन करते हुए इस घटना पर गहन दु:ख व्यक्त किया है. अरुण साव ने कहा कि लगातार बढ़ती नक्सली हिंसा से बस्तर में चारो ओर आतंक का माहौल है. नक्सलियों के इस कायराना कृत्य की जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है. साव ने कहा कि बस्तर की धरती से नक्सलियों का समूल नाश ही हमारे शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
सरकार आखिर एक्शन में क्यों नहीं आना चाहती- धरमलाल कौशिक
धरमलाल कौशिक ने कहा कि पहले ही कांग्रेस सत्ता दल के विधायक और उनके काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया. जरूरत इस बात की थी कि गृह मंत्री को जगदलपुर में जाकर संभाग मुख्यालय में बैठक कर समीक्षा करनी चाहिए और उसके कारण में जाना चाहिए. ये घटना क्यों घटी उसके कारण में जाना चाहिए और उसकी समीक्षा कर मनोबल को बढ़ाना चाहिए लेकिन गृह मंत्री न वहां गए, न समीक्षा की और हमारे 11 जवान आज शहीद हो गए. यदि सरकार की तरफ से तत्परता से जाकर कार्य होती तो शायद आज हमारे 11 जवान शहीद नहीं होते. ये जो जवान शहीद हुए हैं तो कही न कही सरकार से चुक हुई है.
उन्होंने कहा कि हम लगातार इस बात को आवाज उठा रहे हैं कि सरकार के नक्सलियों से लड़ने की स्पष्ट नीति नहीं है न उनकी नियत है. प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से नक्सलियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. और इस तरह के घटना को समय बे समय नक्सली अंजाम देते रहते हैं कुछ दिन पहले 10-11 लोग को अगवाह कर लिए थे, जो सड़क में काम कर रहे थे. उपकरण-गाड़ियां जला दिए जाते हैं तो एक प्रकार से सरकार आखिर एक्शन में क्यों नहीं आना चाहती और दुर्भाग्य जनक स्थिति ये है कि उनका बयान आता है कि नक्सली अंदर में चले गए हैं, अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं हम तो साढ़े चार साल से यही सुन रहे हैं. लेकिन कुल मिलाकर सरकार के पास न तो रणनीति और न इच्छा शक्ति है की नक्सलियों से लड़ सके.
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