रायपुर. रंजीत सिंह के परिवार ने सोनकर परिवार एवं अन्य लोगों पर धोखाधड़ी कर चंगोराभाटा स्थित भूमि को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. यह मामला कोर्ट में लंबित है. रंजीत सिंह के परिवार ने बताया कि उक्त जमीन से गुरुचरण सिंह होरा का कोई लेना देना नहीं है परंतु सोनकर परिवार अनावश्यक उनका नाम इस्तेमाल कर विधिक प्रकरण को राजनैतिक रंग देने का प्रयास कर रहा, जो विधि विरुद्ध है.

रंजीत सिंह एवं मंजीत सिंह दोनों पिता सुरेंद्र सिंह, इंदरपाल सिंह एवं हरपाल सिंह दोनों पिता सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्राम चंगोराभाटा स्थित खसरा नंबर 78 रकबा 0.202 हेक्टेयर भूमि को विक्रेता चमारिन बाई के खास मुख्त्यार निर्मला सोनकर को संपूर्ण विकय प्रतिफल अदा कर पृथक-पृथक चार विक्रय पत्र के माध्यम से भूमि को क्रय कर स्वामित्व एवं आधिपत्य को प्राप्त किया है. रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह एवं हरपाल सिंह उपरोक्त भूमि को क्रय करने के बाद से अर्थात वर्ष 1999 से निरंतर कब्जे में है.

उन्होंने बताया कि मनाराम सोनकर एवं उनके पुत्र महेंद्र सोनकर, शैलेंद्र सोनकर एवं सत्येंद्र सोनकर ने छलकपट, धोखाधड़ी से वास्तविक तथ्यों को छुपाकर दुर्भावनापूर्ण तरीके से कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था. उक्त वाद में हमारी जानकारी के बिना एक पक्षीय आदेश पारित कर पृथक-पृथक विक्रय विलेख को अवैध एवं शून्य घोषित किया गया था.

उल्लेखनीय है कि रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह एवं हरपाल सिंह ने इस मामले को लेकर कोर्ट में प्रस्तुत किया है, जो वर्तमान में लंबित है. मनाराम सोनकर ने उपरोक्त विक्रय पत्र के संबंध में रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह एवं हरपाल सिंह के विरुद्ध एक अपराधिक परिवाद भी प्रस्तुत किया था, जिसमें न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, रायुपर ने आदेश 30 अप्रैल 2018 के माध्यम से रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह एवं हरपाल सिंह को सुनवाई उपरांत अनुमोचित (बरी) किया है.