जालंधर. शहर में मलबे से रेत और बजरी बनाने का काम शुरू होने वाला है. मिली जानकारी के अनुसार गदईपुर का कंक्रीट वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने वाला है.

इस प्लांट को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और पावरकॉम द्वारा मंजूरी मिल गई है. अब जल्द ही शहर में वेस्ट से रेत और बजरी बनाने का काम शुरू हो जाएगा.

Concrete Waste Processing Plant of Punjab’s Gadaipur is about to start

जानकारी के अनुसार शहर में नया घर बनाने के लिए पुराने घर को तोड़ने और नई बिल्डिंग बनाने के लिए जो मलबा बनता है उसके कण सड़कों के किनारों पर जमा हो जाते हैं जो बाद में हवा में मिलकर प्रदूषण फैलाते हैं.

मिली जानकारी के अनुसार गदईपुर में इंडस्ट्रियल एरिया, खांबड़ा में शर्मा फार्म, रहमानपुर रोड पर पीर बाबा, शहीद ऊधम सिंह नगर में घोड़ों वाले तबेले में, नंगल शामा में पूर्व एम.एल.ए. के घर के नजदीक की जगह, चौगिट्टी में लोक निर्माण कार्यालय के पीछे की जगह, पी.एस. गार्डन में हरदयाल नगर, सलेमपुरा मुसलमाना, सुच्ची पिंड पार्क, छोटी बारादरी के कैंब्रिज स्कूल के पास, लद्देवाली में सुविधा सैंटर के पास, गुरु नानकपुरा वेस्ट में बिजली ऑफिस के पीछे, वॉर्ड-24 में मेयर वर्ल्ड स्कूल के पास, 66 फुटी रोड पर फोलड़ीवाल एस.टी.पी. में, कोट सदीक में शर्मा बाबा, लम्मा पिंड चौंक में इंडस्ट्रियल एस्टेट, कबीर विहार में टंकी वाले ग्राउंड में मलबा इकट्ठा किया जाएगा.

इसी के मद्देनजर शहर में मलबे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक साल पहले वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट बनाया गया था लेकिन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों को पूरा करने और बिजली की सप्लाई हासिल करने में थोड़ा समय लग गया.

अब जानकारी मिली है कि इस प्लांट ने सारी शर्तें पूरी कर ली हैं और जल्द ही यहां वेस्ट से कंक्रीट बनाने का काम शुरू हो जाएगा. प्लांट में जो रेत और बजरी बनेंगे उससे नई बिल्डिंग और घर बनाए जाएंगे.

वहीं पुराने घरों को तोड़ने के बाद जो मलबा बनता है उसे इस प्लांट तक पहुंचाने के लिए 17 जगहों को चुना गया है. इस मलबे में मकान, बिल्डिंग, कॉलोनाइजर और मेंटेनेंस का मलबा शामिल है.

अगर इन जगहों के इलावा कहीं और मलबा फेंका गया तो तहबाजारी विभाग 5 हजार का जुर्माना वसूल करेगी. बनने वाली रेत और बजरी से निगम को आय मिलेगी.

वहीं निगम ने मलबे की लिफ्टिंग के लिए जेसीबी और 3 टिप्पर लगाए हैं. अभी तक प्लांट में 200 टिप्पर मलबा पहुंच चुका है. जानकारी के अनुसार एक दिन में 100 टन मलबे से कंक्रीट तैयार की जाएगी.