बालोद. सरकार की नाकामी कहें या विडंबना, विभागीय मंत्री गृह नगर व विधानसभा के आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले मासूम बच्चे कड़कती धूप में जर्जर भवनों और किराए के कच्चे मकानों में अपना भविष्य गढ़ने को मजबूर हैं.

दरअसल छत्तीसगढ़ की सत्ता में 15 सालों तक भाजपा की सरकार रहने के बाद पिछले साढे 4 साल से कांग्रेस की सरकार है. दोनों ही पार्टी अपनी सरकार में विकास के तमाम दावे करते रहे हैं. निसंदेह कई क्षेत्रों में अच्छे काम भी हुए हैं, लेकिन आज भी कई क्षेत्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे. हद तो तब हो जाती है जब वह क्षेत्र विभागीय मंत्री के गृहग्राम और जिले से निकलकर सामने आए.

हम बात कर रहे हैं बालोद जिला के बदहाल आंगनबाड़ी की. कही जर्जर भवन में तो कही कच्चे मकानों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. बालोद छत्तीसगढ़ सरकार में महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया का गृह जिला है, जहां आंगनबाड़ी की स्थिति बेहद जर्जर है. नौनिहाल किराए के कच्चे मकान और जर्जर भवनों में बैठकर अपना भविष्य गढ़ रहे हैं.

विभाग के जिला अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार जिले मे 1524 मिनी आंगनबाड़ी संचालित है, जिसमें 1357 स्वयम के आंगनबाड़ी भवन, 61 सरकारी भवनों में संचालित है. वहीं 106 आंगनबाड़ी प्राइवेट भवन और मकान से संचालित हो रहे हैं. 58 नवीन आंगनबाड़ी भवन के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.