रायपुर. पीपल फॉर एनिमल्स सोसायटी रायपुर विगत 8 वर्षों से शहर के स्ट्रीट डॉग्स को रेस्क्यू और इलाज की सुविधा पहुंचा रही है. संस्था की मदद से कई बीमार कुत्तों को हर दिन चंदखूरी स्थित शेल्टर होम में इलाज और देखभाल के लिए भर्ती किया जाता है. वहीं गुरुवार को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने संस्था की नई डॉग एम्बुलेंस का शुभारंभ किया है. जिससे स्ट्रीट डॉग्स को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में आसानी होगी.

डॉग एम्बुलेंस की विशेषताएं (Dog Ambulance)

सचिव पीपल फॉर एनिमल्स सोसायटी रायपुर कस्तूरी ने बताया कि पिछली 2 एम्बुलेंस से अलग इस एम्बुलेंस में ड्राइवर सीट के बाद जाली का विभाजन है. जिससे एक बार में 4-5 बीमार डॉग्स को गाड़ी में लेकर जाया जा सकेगा. एम्बुलेंस में डॉग्स के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, फर्स्ट एड किट, डॉग कैचिंग के उपकरण और GPS ट्रैकर भी लगा हुआ है.

शहर में डॉग एम्बुलेंस की जरूरत

इस संस्था के जरिये प्रतिदिन 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय कर डॉग को रायपुर के अलग-अलग इलाकों से बीमारी और ऐक्सिडेंट के इलाज के लिए रेस्क्यू किया जाता है. संस्था के हेल्पलाइन में हर दिन 18-25 गंभीर हालत में डॉग्स की सूचना आम जनता देती है. अस्पताल और शेल्टर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की बढ़ती ज़रूरत को देखते हुए संस्था ने डॉग एम्बुलेंस की शुरुआत की.

रेबीज़ ग्रसित डॉग का किया जा रहा रेस्क्यू

संस्था की सचिव कस्तूरी बताती है कि रायपुर में नसबंदी अभियान और रेबीज़ टीकाकरण की कमियों की वजह से दर्जनों रेबीज़ से ग्रसित श्वान हर महीने रेस्क्यू होते है. इनके रेस्क्यू में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इनके लार से रेबीज़ इंसानों और अन्य जीवों को फैल सकता है. संस्था रेबीज़ से ग्रसित डॉग को लगातार रेस्क्यू कर रही है. मृत होने पश्चात ब्रेन सैंपल को रेबीज़ जांच के लिए बैंगलोर की लैब भेजा जा रहा है. मृत श्वान (dog) का अंतिम संस्कार भी करवाया जा रहा है. यह एम्बुलेंस रायपुर शहर में डॉग रेस्क्यू, ऑपरेशन और रेबीज़ संक्रमण को रोकने में सक्रिय रहेगी.