शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की किरकिरी कराने वाले अफसरों को नसीहत दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने न्यायालयीन प्रकरणों के प्रभारी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियों के संबंध में निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया कि अधिकारी कोर्ट में शिष्टाचार के साथ पेश होंगे। जींस की जगह पैंट शर्ट पहन कर जवाब देंगे। कोर्ट में सिर्फ राजपत्रित अधिकारी ही पेश होंगे। सरकार कोर्ट में बिना तथ्य जानकारी पेश करने पर अधिकारियों को कई बार फटकार लगा चुकी है।

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कार्यवाही संबंधी दिए ये निर्देश

राज्य शासन, माननीय: उच्च “न्यायालय; जबलपुर के प्रकरण क्रमांक WP24408/2019 में पारित आदेश दिनांक 29.03.2023 के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा नियुक्त किये गये प्रभारी अधिकारियों से निम्नानुसार कार्यवाही अपेक्षित है –

  • प्रत्येक प्रभारी अधिकारी को प्रकरण के तथ्यों की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के पश्चात्‌ आवश्यक तैयारी के साथ राज्य के महाधिवक्ता के कार्यालय में स्वयं उपस्थित होना चाहिए।
  • रिटर्न/ जवाब/ अंतरिम आवेदन आदि तैयार कर रहे राज्य के अधिवक्ता को आवश्यक समस्त जानकारी दी जावे।
  • समस्त प्रभारी अधिकारी, राज्य के अधिवक्ता से संपर्क रखते हुए उन्हें विनिर्दिष्ट न्यायालय प्रकरणों का नियमित रूप से अनुसरण करें और प्रकरण की प्रगति के बारे में सचेत रहें।
  • समस्त प्रभारी अधिकारी प्रत्येक प्रकरण की एक पृथक फाईल संधारित करेंगे, जिसमें न्यायालय के समक्ष हुई समस्त सुनवाईयों से संबंधित आदेश की प्रतियां होंगी।
  • न्यायालय की कार्यवाही में सामान्यत: केवल प्रभारी अधिकारी को उपस्थित होने की अनुमति होगी। अन्य अधिकारी उपस्थित हो सकेगा जो राजपत्रित श्रेणी से निम्न स्तर का न हो।
  • समस्त प्रभारी अधिकारी न्यायालय में सुनवाई के दौरान औपचारिक परिधान पहनेंगे।
  • महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचने के पूर्व प्रकरण का प्रभारी अधिकारी, विभाग के नोडल अधिकारी / सक्षम अधिकारी से संपर्क करे, प्रकरण के ब्यौरे साझा करेगा।
  • प्रभारी अधिकारी, उस विधि अधिकारी से जिसे फाईल चिन्हित की गई है, संपर्क करेगा और हस्तगत प्रकरण के संबंध में विधि अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुसरण करेगा। उसी दिन रिटर्न/अपील/ संबंधित कार्यवाहियां तैयार/फाइल नहीं कर सकने की दशा में वह विशिष्ट कारणों के साथ संबंधित विधि अधिकारी से अगली तारीख के बारे में पृष्ठांकन प्राप्त करेगा।
  • प्रभारी अधिकारी, महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा दिए गए किन्हीं निर्देशों के संबंध में सक्षम विभागीय प्राधिकारी से आवश्यक संवाद करने के लिए उत्तरदायी होगा।
  • प्रभारी अधिकारी मुकदमे के पूरी तरह समाप्त होने तक उसे समनुदेशित प्रत्येक प्रकरण की मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार होगा।
  • प्रभारी अधिकारी का व्यक्तिगत दायित्व होगा कि न्यायालय में उचित रूप से प्रतिवाद प्रस्तुत करे।
  • प्रभारी अधिकारी को पहले पदनाम उल्लेखित करते हुए नियुक्त किया जाएगा और ऐसे अधिकारी के स्थानान्तरण / सेवा निवृत्ति की दशा में वह अपना पद छोड़ने से पूर्व प्रकरण का संपूर्ण अभिलेख अपने उत्तराधिकारी को सौंपेगा जो निरन्तर प्रभारी अधिकारी रहेगा। उत्तराधिकारी अधिकारी नोडल अधिकारी की सम्यक सूचना के अधीन ऐसे परिवर्तन के बारे में विधिक प्रकोष्ठ के प्रमुख / सक्षम अधिकारी को शीघ्र ही प्रतिवेदन देगा।
  • प्रभारी अधिकारी किसी विशिष्ट प्रकरण में विपरीत आदेश पारित होने की दशा में, आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त कर उसके विरूद्ध आवश्यक अपील करने के संबंध में अधिवक्ता का अभिमत प्राप्त करेगा। तदोपरान्त वह विभाग के समक्ष अधिकारी को इसकी सूचना देगा।

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