वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर अमेरिका पहुंच गए हैं. उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कई मुलाकातें होनी है. जिस पर पूरी दुनिया की नज़र है. दोनों नेताओं की मुलाकात अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जलवायु पर हुए पेरिस समझौते से पीछे हटने के बाद पैदा हुए हालात में हो रही है. इस समझौते से पीछे हटने की वजह अमेरिका ने भारत और चीन को अनावश्यक लाभ मिलने को बताया था.
मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ट्रंप ने उन्हें अपना सच्चा मित्र बताया है. उन्होंने अपने इस बयान से साफ संकेत दिया है कि अमेरिकी हितों के लिए भी ये यात्रा कितनी मायने रखती है. अमेरिका से रक्षा, आतंकवाद और ऊर्जा को लेकर कई अहम समझौते होने की उम्मीद है.
दो दिन में पीएम मोदी और ट्रंप करीब पांच घंटे साथ रहेंगे. इसमें औपचारिक मुलाकातें, बैठकें और व्हाइट हाऊस में भोज शामिल है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद किसी विदेशी नेता के लिए व्हाइट हाउस में आयोजित होने जा रहा यह पहला रात्रिभोज है.
भारत तथा अमेरिका के बीच रक्षा व ऊर्जा साझीदारियों को मजबूत करना बातचीत का अहम एजेंडा होगा. अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप प्रशासन के साथ बहु-स्तरीय और विस्तृत साझीदारी बनाने के लिए दूरदर्शी नज़रिया रखने की मंशा ज़ाहिर की थी.
फोन पर एक-दूसरे से तीन बार बात कर चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को पहली बार आमने-सामने मुलाकात होगी.
इस सौदे पर रहेगी दुनिया की नज़र
अमेरिका द्वारा भारतीय नौसेना को 22 गार्जियन गैर-हथियारबंद ड्रोन विमानों की बिक्री को मंज़ूरी दिया जाना.यह सौदा कई सालों से अटका हुआ है.
मोदी यात्रा में दुनिया की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र में शिरकत करेंगे. इस सत्र में अमेज़न के प्रमुख जेफ बेज़ोस, एप्पल के टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला और गूगल के सुंदर पिचाई के भी शामिल होने की संभावना है. प्रधानमंत्री इन सीईओ को निवेश को प्रोत्साहित करने तथा प्रक्रियाओं को सरल करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे. इसमें एकल कर प्रणाली जीएसटी भी शामिल है.