कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में वकीलों की आज कार्य से विरत रहने की हड़ताल (Advocate strike) अचानक खत्म करते हुए काम वापसी का निर्णय हुआ है। इस सबन्ध में मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद (State Bar Council) की ओर से चीफ जस्टिस एमपी हाई कोर्ट (High court) को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है। परिषद द्वारा अचानक काम वापसी के निर्णय पर वकीलों में नाराजगी देखी जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर पक्षकारों के लिए यह राहत भरी खबर है।
वकीलों के ऊपर दर्ज हो रहे झूठे मुकदमों, लंबित पुराने मामलों को पहले प्रोसिडिंग में लेने जैसे अन्य विषयों के विरोध में मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की ओर से आज कार्य से विरत रहने का निर्णय लेते हुए हड़ताल का कॉल किया था। जिसके बाद प्रदेश भर में वकील कार्य से विरत हो गए,लेकिन इसी दौरान राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा एक पत्र जारी कर हड़ताल खत्म कर दी, जबकि हड़ताल अचानक खत्म क्यों कि गयी यह उस पत्र में नहीं बताया गया। जिसके कारण जिन मांगों को लेकर हड़ताल शुरू हुई थी वह मांग पूरी भी नही हुई और अचानक काम वापसी के निर्णय के कारण मामले भी प्रभावित हो सकते हैं।
यही वजह है कि ग्वालियर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उनका यह भी कहना है कि इस मामले को लेकर वह स्टेट बार काउंसिल के पदाधिकारियों से बात कर रहे हैं। साथ ही जिला कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश से भी बात कर रहे है ताकि हड़ताल कॉल के चलते पक्षकार और वकील के कोर्ट नहीं पहुंचने पर किसी भी केस में एक तरफा कार्यवाही न की जाएं।गौरतलब है कि वकील हाईकोर्ट के उस आदेश को पूरी तरह से अव्यावहारिक बता रहे जिसमें तीन महीने में 25 चिन्हित मामलों को अनिवार्य रूप से निपटाने की बात कही गयी है।
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