हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) अरावली की पहाड़ियों में अपनी तरह की एक 4.7 किमी डबल सुरंग का निर्माण करेगा। यह सुरंग भारत की पहली इस तरह की सुरंग होगी।

अरावली की पहाड़ियों में बनने जा रही यह सुरंग वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत बनेगी। कहा जा रहा है कि यह देश की पहली ऐसी सुरंग होगी, जहां से एक साथ दो ट्रेनों गुजर सकेंगी।

इस सुरंग से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) पर चलने वाली डबल डेकर माल और यात्री ट्रेनें गुजरेंगीं। यह रास्ता सोहना और मानेसर के रास्ते पलवल और सोनीपत को जोड़ता है।

यह डबल डेकर ट्रेनों के लिए देश की पहली रेलवे सुरंग होगी। इस सुंरग की ऊंचाई 25 मीटर होगी। सुरंग सोहना और नूंह को जोड़ेगी।

रेल गलियारा मुख्य रूप से मानेसर और सोहना जैसे दक्षिण हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों के साथ-साथ सोनीपत में खरखौदा के लिए फायदेमंद होगा।

यह फ्यूचर का ऑटोमोबाइल केंद्र है जहां मारुति ने अपना नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है। अधिकारियों ने कहा कि ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जा रहा है।

एचआरआईडीसी के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल के अनुसार जुड़वां सुरंगों को बनाने में बड़ी चुनौतियां आएंगी। प्रॉजेक्ट का डीपीआर बनकर तैयार है। काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

हाल ही में, HRIDC के अधिकारियों और रेलवे बोर्ड के सदस्यों ने डबल टनल और वायाडक्ट के निर्माण के लिए इंजीनियरिंग मोड और तकनीक का उपयोग करने और निर्माण कार्य के दौरान आने वाली संभावित चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की।

2026 तक काम खत्म करने का लक्ष्य

हरियाणा सरकार और रेल मंत्रालय के बीच एक संयुक्त उद्यम परियोजना, रेल गलियारा परियोजना को जुलाई 2019 में राज्य मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था। इसके बाद, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सितंबर 2020 में अपनी स्वीकृति दी। उसी महीने, रेल मंत्रालय ने पलवल और सोनीपत के बीच डबल-स्टैक कंटेनर माल परिचालन के लिए सेमी हाई-स्पीड लाइन पर काम को मंजूरी दी।

यह देश की पहली ऐसी सुरंग होगी, जहां से एक साथ दो ट्रेनों गुजर सकेंगी।