Stammering Home Remedies : स्टैमरिंग यानी हकलाना (Stammer) काफी सामान्य समस्या है. एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की लगभग 1.5% आबादी इस भाषण विकार से प्रभावित होती है. हकलाने का इलाज हर पीड़ित व्यक्ति पूछता है. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण इलाज तो नहीं है लेकिन आप कुछ टिप्स के जरिये अपनी हकलाने की आदत को बहुत हद तक कम कर सकते हैं या पूरी तरीके से सुधार भी सकते हैं.

हकलाने वाले लोगों की एक बड़ी समस्या यह जानना होती है कि पढ़ते और बोलते समय सांस कब ली जाए. हकलाहट कम करने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है सांसों को रेग्युलेट करना. सांस लेने की एक्सरसाइज करने से आवाज वापस पाने में बहुत सहायता मिल सकती है. जब आप बोलें और अगर हकलाएं, तो सांस लेना याद रखें. जो लोग हकलाते हैं, वे अक्सर हकलाहट शुरू होते ही सांस लेना भूल जाते हैं. रुकें और खुद को सांस लेने के लिए कुछ समय दें.

रिद्मिक तरीके से बोलें

रिद्मिक तरीके से बोलना काफी फायदेमंद साबित होता है. मसलन मे—-रा—- ना—म— यानी शब्दों को लंबा खींचकर बोलें. इससे हकलाने की समस्या में काफी राहत होती है.

धीरे बोलें

बहुत तेज बोलने की बजाय धीरे-धीरे बोलने की आदत डालें. बोलने में स्पीड रेकॉर्ड बनाने की कोशिश न करें. आपका मकसद तेज बोलना नहीं, अपनी बात को ऐसे कहना होना चाहिए कि उसे समझा जा सके. जल्दी-जल्दी बोलने से हकलाहट बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए धीरे-धीरे और रिलैक्स होकर बोलें. बोलने से पहले मन में सोच लें कि आप क्या बोलना चाहते हैं. फिर बोलें.

शीशे के सामने खड़े होकर बोलने की करें प्रैक्टिस

शीशे के सामने खड़े हो जाएं और सोचें कि शीशे में दिखने वाला शख्स कोई और है. फिर किसी भी विषय पर बात शुरू करें, मसलन आपका दिन कैसा रहा, आप क्या खाएंगे आदि. आप पाएंगे कि आपकी हकलाहट गायब हो रही है. यह सच है कि शीशे के सामने बात करना किसी से आमने-सामने बात करने से अलग है लेकिन इस तरह प्रैक्टिस करने से आत्मविश्वास बढ़ता है.

सपोर्ट ग्रुप जॉइन करें

कोई सपोर्ट ग्रुप जैसे कि stuttering.supportgroups.com, dailystrength.org आदि भी जॉइन कर सकते हैं. दुनिया भर में हकलाहट के लिए सैकड़ों सपोर्ट ग्रुप हैं. इस तरह के सपोर्ट ग्रुप में शामिल होने का फायदा यह है कि कई तरह की नई जानकारियां मिलती हैं. साथ ही, अपने जैसे लोगों का साथ मिलने से कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है.

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