मनोज यादव, कोरबा। सेवा के नाम पर ढकोसला करते हुए निजी एंबुलेंस संचालकों ने एक तरह से मजबूरी के मारे लोगों को सीधे-सीधे लूटना शुरू कर दिया है. आए दिन इस प्रकार के किस्से सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों को लंबी चपत लग रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 800 रुपये ऐंठ लिए जा रहे हैं. किसी प्रकार का नियंत्रण न होने के कारण निजी एंबुलेंस संचालकों की मनमानी जारी है.

इनसे मिलिए यह हैं राजकुमार, जो कोरबा जिले के गुरसिया के निवासी हैं. हाल में ही एंबुलेंस चालक की मनमानी का शिकार इन्हें होना पड़ा है. राजकुमार के भांजे का एक्सीडेंट हुआ था और उसकी एक निजी अस्पताल उपचार के दौरान मौत हो गई.

उसकी मृत्यु होने के बाद शव परीक्षण के लिए जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस भेजा जाना था. राजकुमार ने बताया कि आनन-फानन में ले जाने के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई. सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी के लिए उसे 800 की मांग की. उसके बाद शव को उसके गृहग्राम गुरसिया ले जाने 2500 की मांग की.

पोस्टमार्टम के बाद अगली मुश्किल मृतक के शव को गृह ग्राम ले जाने की थी. इसके लिए एक-दूसरे एंबुलेंस संचालक से बात की गई तो किसी तरह वह 2500 में माना. उसने ₹1500 एडवांस भी ले लिए. बाद में 1099 सरकारी शव वाहन मुक्तांजलि की जानकारी होने पर सेवा लेने का विचार किया गया.

ग्रामीण क्षेत्र से वास्ता रखने वाले लोगों के सामने इस प्रकार की स्थिति जागरूकता की कमी के कारण आती है और वे शहर में आने के दौरान कड़वे अनुभव झेलने को मजबूर हो जाते हैं. लोगों को पता होना चाहिए कि किसी भी स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु होने पर शव को घर से अस्पताल या अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए सरकार ने निशुल्क मुक्तांजलि सेवा प्रारंभ की है. यह व्यवस्था पूरी तरह से सरकारी है और लोगों को सेवा प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार का खर्च नहीं देना पड़ता .

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