Manipur Violence. मणिपुर में इस हफ्ते भड़की हिंसा में जान गंवाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा मणिपुर सरकार ने जारी किया है. बताया गया है कि अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में 54 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, अनाधिकारिक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा बताया गया है. मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में यूपी के कई छात्र फंसे हैं.
एनआईटी इंफाल में पढ़ने वाले छात्रों ने सीएम योगी से सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई है. इन छात्रों के इंफाल में ही फंसे होने की बात कही जा रही है. ये सभी छात्र यूपी के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं. फंसे छात्रों की मांग जल्द से जल्द उनको वहां से निकाला जाए. छात्रों ने मीडिया से संपर्क कर गुहार लगाई है कि मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई हिंसा के बाद से स्थिति तनावपूर्ण है. कर्फ्यू और सुरक्षाबलों का फ्लैग मार्च लगातार हो रहा है. लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी दी गई है.
छात्रों का कहना है कि उन्हें हॉस्टल में केवल एक वक्त का खाना और पीने के लिए एक बोतल पानी ही दी जा रही है. दूरदराज के इलाकों में अब भी गोलीबारी की आवाजें सुनाई देती हैं. छात्रों के गुहार लगाने की खबरें जब सीएम योगी के सामने आई तो उन्होंन इसे तत्काल संज्ञान में लिया और गृह विभाग को छात्रों की मदद करने के लिए निर्देश दिए. प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने मणिपुर के मुख्य सचिव से वार्ता कर हर संभव मदद का अनुरोध किया.
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बता दें कि हिंसा (Manipur Violence) में जिन 54 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 16 के शव चुराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं. वहीं 15 शव जवाहरलाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखे गए. इसके अलावा इंफाल के पश्विम में स्थित लाम्फेल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से 23 की मौत की पुष्टि की गई है.
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