निशा माशिह, रायगढ़. राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त चक्रधर बाल सदन के अंदर दो महीने पहले लाई गई एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध बीमारी के बाद मौत हो गई है. इस मौत पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है. चक्रधर बाल सदन पिछले तीन सालों से महिला बाल विकास के अधीनस्थ में संचालित किया जा रहा है. जिस नाबालिग की मौत हुई है, वो कुपोषण का शिकार थी. इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के चलते उसकी मौत होना बताया जा रहा है.
दरअसल चक्रधर बाल सदन पहले निजी संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा था. इस संस्था में विवाद और लापरवाही करने की वजह से प्रशासन ने अपने अंडर में ले लिया. जिसके बाद से पिछले तीन साल से जिला प्रशासन की महिला बाल विकास की टीम इसे संचालित कर रही थी. अब नाबालिग की मौत अनाथ आश्रम के अंदर ही हुई है. और अभी तक इस मामले में सरकारी अधिकारियों का ना तो कुछ बयान सामने आया है. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने नाबालिग की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है.
नाबालिग का कोई परिजन नहीं है. वह अनाथ आश्रम में ही अपना गुजारा करती थी. चार दिन पहले इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मामले में जिले के समाज सेवी संगठन भी चुप्पी साधे हुए है. और राजनीतिक दल भी कुछ भी कहने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं.
संचालन समिति सदस्य दिव्या अग्रवाल से भी मामले की जानकारी लेने पर गोलमोल जवाब दे रही है. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं.