हर इंसान सोने के बाद सपने देखता है. इनमें से कुछ अच्छे होते हैं, तो कुछ बुरे. स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने शुभ-अशुभ फल भी देते हैं. सपनों को लेकर अक्सर मन में जिज्ञासा होती है कि क्या देखा हुआ हर सपना सच होगा. स्वप्न शास्त्र के मुताबिक सपने देखने का समय बताता है कि वह हकीकत में बदलेगा या नहीं या मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसे ही उसे भूल जाना ठीक होगा.
यह वो समय होता है जब व्यक्ति अपनी आत्मा के बहुत करीब होता है. साथ ही इस समय दैवीय शक्तियां सक्रिय होती हैं और उसका असर धरती की हर जीव-निर्जीव चीज पर पड़ता है. इसलिए ब्रम्ह मुहूर्त में जागने और भगवान की आराधना करने के लिए कहा जाता है.
रात में देखे गए सपनों का फल रात के विभिन्न पहरों या चरणों के अनुसार कहा जाता है, जो इस प्रकार है :
- 12 बजे से पहले देखा गया सपना मन की विकृति होने के कारण अर्थहीन होता है. अत: भूल जाएं कि इसका कोई फल मिलेगा.
- 12 से 1 बजे तक- ऐसे सपनों का फल 3 वर्ष के अंतर्गत होता है.
- 1 से 2 बजे तक- इनका फल 1 वर्ष के बीच प्राप्त होता है.
- 3 से 4 बजे तक- इन सपनों का फल 6 महीने में मिलता है.
- 4 से 5 बजे तक- इस दौरान देखे स्वप्न 3 महीनों में फलदायक हैं.
सुबह आंख खुलने से तुरंत पहले के सपने को दृष्टांत कहा जाता है. ऐसे सपने भाग्यशाली व्यक्तियों को आते हैं. जिनका मन स्वस्थ एवं स्थिर होता है. प्रात: कालीन स्वप्न सीधे रूप में भविष्यवाणी या भावी दर्शन का रूप होते हैं.
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