ज्ञान खरे,पामगढ़. कोई भी परीक्षा हो चाहे व बोर्ड की हो या फिर अन्य प्रतियोगी परीक्षा थोड़ी बहुत नकल की अफवाहें या सच्चाई की बात उठती रहती है, लेकिन यदि नकल को लेकर किसी परीक्षा केंद्र का प्रिंसिपल यह दावा करे कि वह अपने विद्यालय में शतप्रतिशत नकल कराएगा और कोई उसे रोक नहीं सकता तो कहीं न कहीं यह जरूर साबित होता है, कि प्राचार्य के सिर पर उच्च अधिकारियों का हाथ या शह है. ऐसा ही एक मामला पामगढ़ में संचालित शासकीय महामाया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामने आया है.
दरअसल यहां 31 मई से दो जून तक डीएलएड की परीक्षाएं आयोजित की गईं थी. इस परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी मुरली मनोहर शर्मा ने कलेक्टर को लिखित शिकायत कर जानकारी दी है कि उसके द्वारा नकल के विरोध में कई बार परीक्षा केंद्र के प्रचार्य व स्टॉफ के खिलाफ आवाज उठाई गई, लेकिन नकल बंद होने की जगह उल्टा पाचार्य राजेंद्र शुक्ला ने उसे फोन कर धमका डाला. 20 जून को दी गई यह शिकायत के बाद भी अभी तक इसमें कोई जांच नहीं हुई और तो और जिला शिक्षा अधिकारी तक को इसकी जानकारी नहीं हुई. इससे शिकायतकर्ता भी डर के बीच जीने को मजबूर है.
मुरली मनोहर शर्मा ने कलेक्टर को दी लिखित शिकायत में बताया है कि उसने महामाया स्कूल में हो रही डीएलएड की परीक्षा के दौरान हुई नकल के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसके बाद अगले दिन 3 जून को महामाया विद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र शुक्ला ने मुरली मनोहर को मोबाइल पर फोन किया और उनके बीच 9 मिनट 27 सेकंड तक बात हुई. इस दौरान राजेंद्र शुक्ला ने उसे धमकी देते हुए कहा कि कहा कि डीएलएड की परीक्षा उसकी निगरानी में सम्पन्न हुई है. और उन्हें यह भी जानकारी थी कि सभी 10 कमरों में नकल भी कराई गई है. इसका ऑडियो भी लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद है.
प्रिंसिपल राजेंद्र शुक्ला ने शिकायतकर्ता मुरलीमनोहर शर्मा को फोन पर कहा कि जब सभी नकल कर रहे थे उसने क्यों नहीं नकल किया. किसी ने उसे रोका हो तो वह उससे बताता वह नकल करवाता. लेकिन शिकायतकर्ता छात्र ने कहा कि वह ईमानदारी से पास होने में यकीन रखता है और विद्यालय में दूसरे छात्रों को नकल न कराने की भी उसने मांग की, लेकिन शुक्ला अपने नकल कराने के दावे पर ही अड़े रहे.
जानकारी के मुताबिक सभी परीक्षार्थी एक दूसरे की कॉपी देखकर लिख रहे थे. इतना ही नहीं नकल के लिए गाइड भी रखे हुए थे. राजेंद्र शुक्ला ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी भी डीएलएड की परीक्षार्थी है और अगली परीक्षा में वह अपनी पत्नी को प्राचार्य कक्ष में बैठाकर नकल करवाएंगे. इतने बड़े मामले में एक जागरूक परीक्षार्थी ने आवाज तो उठा दी, लेकिन अब उसे यह डर है कि जो व्यक्ति उसे फोन करके सीधे-सीधे नकल कराने की बात कह सकता है वह आगे क्या नहीं कर सकता. इससे परीक्षार्थी डर के साए में जी रहा है और कलेक्टर इस मामले की जांच करवाकर सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहा है.