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भारत की पहली पॉड टैक्सी उत्तर प्रदेश में शुरू होने वाली है और इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है. इस प्रोजेक्ट का टेंडर जल्द ही शुरू होने वाला है. यह एक पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांसपोर्ट सर्विस होगी, जो कि दुनिया की सबसे लंबी पॉड टैक्सी हो सकती है. यह उत्तरप्रदेश के नोएडा में चलाई जाएगी और जेवर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी को जोड़ेगी. यह दुनिया का सबसे लंबा रूट होगा. भारतीय पोर्ट रेल और रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IPRRCL) की ओर से तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 14.6 किमी लंबा होगा.
पॉड टैक्सी क्या हैं?
पॉड टैक्सी ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन होते है, जो बिना ड्राइवर के चलते हैं. दरअसल ये छोटी आटोमेटिक कारें होती हैं जिन्हें कुछ यात्रियों को बहुत तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए डिजाइन किया जाता है.
कितना आएगा खर्च
उत्तरप्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही इसका निर्माण शुरू किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट 2024 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में 810 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पॉड टैक्सी नोएडा जेवर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी को कनेक्ट करेगा.
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इस रास्ते से गुजरेगी पॉड टैक्सी
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि पॉड टैक्सी परियोजना के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है. यह पॉड टैक्सी इंडस्ट्रियल एरिया सेक्टर 28 29 ,31,32 से गुजरती यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में बनने वाली फिल्म सिटी तक पहुंचेगी. जापान, साउथ कोरिया और लंदन में पहले से ही इस तरीके से पॉड टैक्सी चल रही है. शासन ने प्राधिकरण को इन देशों के पॉड टैक्सी स्ट्रक्चर का अध्ययन करने का निर्देश दिया है. शुरुआती अनुमानों के अनुसार, लगभग 37,000 यात्री इन पॉड टैक्सियों में दैनिक आधार यातायात कर सकेंगे.
पेश किए गए इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक दुनिया में 5 पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट ने सिर्फ एक सेफ्टी एक्सीडेंट के साथ 1 बिलियन यात्रियों को प्रति किमी ट्रांसपोर्ट किया है. वर्तमान में 13.2 किमी के साथ सबसे पुरानी व लंबी, मॉर्गनटाउन, यूएसए में है, जिसे 1975 में शुरू किया गया था.
18 देशों में चलती है पॉड टैक्सी
प्रोजेक्ट के मुताबिक, पॉड टैक्सी दुनिया के 18 देशों में शुरू की गई थी. हालांकि मौजूदा समय में यह सिर्फ 5 देशों में संचालित है. अधिकारियों ने 2011-12 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लंदन की पॉड टैक्सी मुनाफे में चल रही हैं जबकि अबू धाबी की परियोजना घाटे में चल रही है.
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