रायपुर. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी साढ़े चार साल बाद भी जन घोषणा पत्र में किए गए नियमितिकरण के वादे पूरे नहीं हुए. जिसके विरोध में प्रदर्शन और चुनावी वादे को पूर्ण कराने की मांग को लेकर 15 मई से प्रत्येक जिले में प्रति दिवस ‘संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा ‘अब नहीं तो कब’ के थीम पर एक रथ यात्रा कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं. सरकार के पास अब बहुत कम समय शेष है, ऐसे में इन कर्मचारियों और रथयात्रा को लेकर सरकार का क्या रुख होगा यह देखा जाना शेष है. एक तरफ सरकार जहां अपने घोषणा पत्र के अधिकतम वादे को पूरा करने की बात कर रही है.

वहीं संविदाकर्मी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान कांग्रेस सरकार ने जन घोषणा पत्र बनाकर हम सभी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्रचंड बहुमत से बनाई सरकार के मुखिया सीएम भूपेश ने 14 फरवरी 2019 को कर्मचारियों के मंच पर आकर यह घोषणा की गई थी कि, यह वर्ष किसानों का है. अगला वर्ष आप कर्मचारियों का होगा.

यह हम सभी के लिए बहुत ही चिंताजनक बात है कि, ना केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि सरकार तथा सरकार के मुखिया द्वारा कही गई संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की कोई भी बात आज पर्यंत तक सत्य नहीं हुई है. सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री महोदय विधानसभा में या अन्य मीडिया माध्यमों में नियमितीकरण की अपनी बात तो कहते हैं, किंतु आज तक इस पर किसी भी प्रकार का ठोस अमल नहीं किया गया.

प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा का कहना है कि, प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया वादा आज पर्यंत तक पूर्ण न किया जाना एक गैर लोकतांत्रिक और सीधे तौर पर वादाखिलाफी की स्थिति है. इस दशा में राज्य का हर विभाग का प्रत्येक संविदा कर्मचारी आक्रोशित है और इसी आक्रोश को प्रकट करने तथा सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र में किए नियमितीकरण के वादे को पूर्ण कराने के लिए एक बार पुन: हम सभी प्रदेश के संविदा कर्मचारी लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय ले चुके हैं.


महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता औऱ मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने 15 मई से 21 जून तक 33 जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए बनाई गई. रथयात्रा की रणनीति पर विस्तृत रूप से बताया कि, प्रत्येक जिला में निर्धारित तिथि में जिला स्तर के धरना स्थल में एक दिवसीय अवकाश लेकर सभी संविदा कर्मचारियों की उपस्थिति होंगे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के साथ जिला स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी पीड़ा, समस्या को अवगत कराएंगे. साथ ही स्थानीय विधायकों से मुलाकात कर ज्ञापन देकर अपनी वादे को याद दिलाएंगे. महासंघ की मजबूती और प्रत्येक संविदा कर्मचारी की आंदोलन में भागीदारी के लिए जिला कार्यकारिणी और ब्लॉक कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जाएगी.

ज्ञापन में प्रदेश के संविदा कर्मचारियों की यह मांग रहेगी कि, मानसून सत्र में प्रस्तुत अनुपूरक बजट में अनिवार्य रूप से नियमितीकरण का अपना वादा कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार पूरी करे. यात्रा का अंतिम जिला रायपुर होगा, जिसमें एक विशाल प्रदर्शन मांगों को लेकर किया जाएगा.