नई दिल्ली . दिल्ली में मुख्यमंत्री VS उपराज्यपाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार को होना चाहिए. यानी उपराज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री ही दिल्ली का असली बॉस होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, कहा कि ‘दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया. इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी. जनतंत्र की जीत हुई.’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने ट्वीट करते हुए इस फैसले को ‘लंबे संघर्ष के बाद जीत’ करार दिया है. जबकि आप नेता राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए फैसले का स्वागत किया है.
चुनी हुई सरकार के पास हो प्रशासनिक व्यवस्था- SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों से अलग है क्योंकि यहां चुनी हुई सरकार है. दिल्ली सरकार को वही शक्तियां हैं तो दिल्ली विधानसभा को मिली हुई हैं. चुनी हुई सरकार के पास हो प्रशासनिक व्यवस्था.
एग्जिक्यूटिव मामले में अधिकार एलजी के पास : उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की सलाह और सहायता के साथ काम करेंगे.
आदर्श स्थिति यही होगी कि दिल्ली सरकार को अधिकारियों पर नियंत्रण मिले. पुलिस और कानून व्यवस्था और जमीन जो दिल्ली सरकार के दायरे में नहीं आते हैं उसके अलावा बाकी अधिकारियों पर अधिकार दिल्ली सरकार को मिलना चाहिए.
चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार का अपने अधीन अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो वो ठीक से काम नहीं करेंगे. वो सरकार की बात नहीं मानेंगे.
अगर चुनी हुई सरकार है तो उसको शक्ति मिलनी चाहिए. NCT पूर्ण राज्य नहीं है. दिल्ली की चुनी हुई सरकार लेकिन अधिकार कम.