शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान में अब सिर्फ 6 महीने का समय बचा है, ऐसे में सूबे की शिवराज सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में बढ़ोतरी का झटका दे दिया है। केंद्र सरकार ने फ्यूल कॉस्ट के नाम पर हर महीने बिजली के दाम तय किए जाने का अधिकार बिजली कंपनियों को दे दिया है, जिसका असर दिखने लगा है। बिजली कंपनियों ने अपने स्तर पर बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दिया है। नई व्यवस्था बिजली कंपनियों ने 24 अप्रैल से लागू की है।
बिजली कंपनियां हर महीने अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज वसूल रही हैं। इसके आधार पर आपके बिजली बिल हर महीने बढ़कर ही आएगा. अभी मार्च के महीने में जो बिजली बिल आया है, उसमें बिजली कंपनियों ने 5 फीसदी सरचार्ज वसूल लिया है। अगले महीने के बिल में यह सरचार्ज 8 फीसदी तक बढ़ सकता है।
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इससे पहले हर तिमाही में फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एफसीए) नियामक आयोग तय करता था। इससे साल में चार बार एफसीए बिलों में जुड़ता था जनवरी 2023 से मार्च तक के लिए इसे 34 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था यानी एक साल में 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हुई है। बिजली कंपनियों ने मार्च में 1.65 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी।
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