रायपुर. प्रदेश भर के पुलिस परिवारों ने एक साथ मिलकर सोमवार को राजधानी रायपुर में आंदोलन किया. इस पुलिस आंदोलन में भीड़ बढ़ाने और समर्थन देने के लिए नक्सल आरोपी वीरेंद्र कुर्रे भी पहुंचा हुआ था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल वीरेंद्र कुर्रे दल्ली राजहरा से 40-50 ग्रामीणों को लेकर आंदोलन में पहुंचा हुआ था. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पुलिस ने ग्रामीणों से कड़ाई से पूछताछ की. जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी खुद ही दे दी.
पुलिस ने सोमवार को रायपुर में वीरेंद्र कुर्रे को ग्रामीणों के साथ आंदोलन स्थल के पास गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार महिलाओं को गिरौदपुरी दर्शन कराने का झांसा देकर दल्ली राजहरा से लाया गया था. उनकी गाड़ी शाम को धरनास्थल से थोड़ी दूर पर खड़ी थी. एक ही गाड़ी में इतने सारे ग्रामीणों को देखकर पुलिस को शक हुआ और फिर जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो मामले का खुलासा हुआ।
2013 में पुलिस हमला और ग्रामीणों को भड़काकर जेके लक्ष्मी में आगजनी की घटना का आरोपी वीरेंद्र कुर्रे महिलाओं को यह कहकर लाया था कि वो उन्हें गिरौदपुरी घुमाकर लाएगा. दल्लीराजहरा की ये महिलाएं इस झांसे में बड़ी आसानी से आ गई. बताया जा रहा है कि पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए गाड़ी में गिरौधपुरी धाम चलो लिखा बैनर और झंडा लगा हुआ था।
बता दें कि अप्रैल 2013 में जेकेलक्ष्मी सीमेंट प्लांट में आगजनी, पुलिस वालों पर हमला, थाने में आग लगाने, और जनसुरक्षा अधिनियम समेत कुर्रे के खिलाफ 9 मामले दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दावा किया था कि वीरेंद्र कुर्रे के घर से नक्सली साहित्य और बम बनाने को लेकर दस्तावेज मिले थे. दस्तावेजों में बम बनाने की विधि लिखी गई थी.
वीरेंद्र एक महीना पहले ही जमानत में रिहा हुआ था. जेल में बंद रहने के दौरान कैदियों के साथ मिलकर भूख हड़ताल किया था. विरेन्द्र कुर्रे के पिता पुलिस विभाग में अफसर थे. वहीं वीरेंद्र कुर्रे भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी के दौरान स्टील प्लांट के टीए प्रशिक्षुओं के आंदोलन को समर्थन देने के साथ ही आंदोलन का नेतृत्व भी किया था.