अनिल मालवीय, इछावर। सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो (Video) तेजी से वायरल (Viral) हो रहा है। जिसमें मासूम बच्चियां अपने आशियानों को बचाने के लिए बुलडोजर (Bulldozer) पर चढ़ गई। दरअसल, औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार करने के लिए सैकड़ों परिवारों को घर से बेघर किया जा रहा है। यह वीडियो सीहोर (Sehore) जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर इछावर (Ichhawar) के गांव टोला भीमपुरा ग्राम पंचायत चंदेरी का बताया जा रहा है।

दरअसल, ग्राम चंदेरी में 150 एकड़ राजस्व भूमि पीढ़ियों से गांव में शासकीय जंगल में थी। इस भूमि में भीमपुरा गांव बसा हुआ है, जिसमें घुमक्कड़ जाति के सैकड़ों परिवार निवास करते है। इस गांव में पीएचई विभाग द्वारा पीने के पानी के लिए हैंडपंप (Hand Pump) भी लगाया हुआ है। बुलडोजर चल रहे गांव में प्राइमरी स्कूल (Primary School) भी है। शासन द्वारा अब इस गांव की आबादी की भूमि को औद्योगिक क्षेत्र नीति निवेश विभाग को दे दी गई है। अब ऐसे में ग्रामीण जनों के रहवासी मकानों को हटाया जा रहा है, जब यह भूमि औद्योगिक क्षेत्र को आवंटित की गई थी, तब पटवारी की लापरवाही से इस भूमि को आरक्षित नहीं कराया और ना ही इस भूमि को राजस्व में रखी गई। अब मजबूरी में यह गरीब लोगों के आशियाना को हटाने का प्लान बना रहे हैं।

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इस गांव में घुमक्कड़ जाति के सैकड़ों परिवार वर्षो से अपने कच्चे पक्के मकान बना कर रह रहे है। कुछ ग्रामीणों को ग्राम पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत आवास भी उपलध करवाए तो शिक्षा विभाग ने टोला भीमपुरा से जिला मुख्यालय और ग्राम पंचायत मुख्यालय चंदेरी की दूरी होने के कारण प्राथमिक स्कूल भी खोला। जिसमें ग्रामीण बच्चे अपने भविष्य को संवारने के लिए पढ़ने जाते है। लेकिन इन परिवार वालों पर नजर लग गई, जो बड़े-बड़े करोड़पतियों को उद्योग स्थापित करने के लिए इन गरीबों को जमीन पास में लगे वाडिया खेड़ी उद्योग क्षेत्र के नाम कर दी। प्रशासन इन गरीबों के घरों को तोड़कर इनको घर से बेघर कर रहा है।

घर की व्यवस्था नहीं

जब जिला प्रशासन का बुलडोजर ग्रामीणों के घरों को तोड़ने पहुंचा तो निवासरत परिवार के बच्चे बुलडोजर पर चढ़ गए और अपने घरों को तोड़ने नहीं दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक ओर गरीब बेरोजगार, बेसहारों को भूखंड उपलब्ध कराने के लिए योजना लागू की जाती है, जिसमें प्रदेश में निवास करने वाले हर गरीब को जमीन देना और उस पर पक्के मकान बना कर देना तो अब सवाल यह उठता है कि जिले में वर्षों से निवास करने वाले गरीब परिवारों के घरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई और जिला प्रशासन का अमला बुलडोजर लेकर इनके मकान तोड़ने पहुंच गया। जिन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया, उन्हीं पीएम आवासों को तोड़ा जा रहा है। बारिश सामने आ गई है। इन सैकड़ों परिवारों के लिए मकानों की व्यवस्था नहीं की गई है, तो आखिर ये कहा जाएंगे।

ग्रामीण बोले- कई बार लगा चुके हैं गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार हम सीएम, कलेक्टर और विधायक से अपनी गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी हमे हमारा हक नहीं दिया जा रहा है। अब हम कह जाए, घर से बेघर होने से तो अच्छा कि हम बुलडोजर के सामने आकर मर जाए। जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी जेसीबी लेकर गांव पहुंच घरों को तोड़ने के लिए आगे बढ़ा, तो मासूम बच्चियां बुलडोजर के सामने आकर रोते लगी। नन्नी बेटियों ने रोते रोते कहा कि हमारा आशियाना बचा लीजिए। हमारे गांव की भूमि पुनः वापस राजस्व को दे दीजिए। वहीं गरीब लाड़ली बहने भी मांग कर रही है। हमने घरों की समस्याओं को बताया और अभी तक सुनवाई नही हुई है, आखिर हम कह जाएंगे।

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विस्थापन के लिए नहीं उठाया कोई कदम

ग्रामीणों का कहना है कि सीहोर कलेक्टर से मांग कर चुके हैं, ग्राम पंचायत द्वारा भी प्रस्ताव पास करके कलेक्टर को दे दिया गया है। तहसीलदार को भी प्रस्ताव पास करके दे दिया गया हैं लेकिन अभी तक इन गरीबों के विस्थापन के लिए प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया और इन लोगों को घर से बेघर करने के लिए बार-बार राजस्व पुलिस बुलडोजर लेकर टोला भीम पूरा गांव पहुंच जाते है। इस बार जब बुलडोजर गांव पहुंचा तो बच्चियों ने मकानों को तोड़ने नहीं दिया और बुलडोजर के सामने खड़े होकर प्रशासन को खदेड़ दिया गया। जमीन से बेदखल करने आए अधिकारियों को बच्चों ने भगा दिया। अभी तो अपने घरों को बचा लिया, लेकिन एक सवाल ये है कि उद्योग को बढ़ाना चाहते है तो इन गरीबों के लिए भी इनके घरों को बना कर कही दे दीजिए, आखिर ये लोग कहा रहेंगे।

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