कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नर्सिंग छात्रों को राहत देने से इंकार कर दिया है. नर्सिंग कॉलेज और परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट में SLP दायर कर हाईकोर्ट ग्वालियर के आदेश को चैलेंज किया गया. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज करते हुए नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक और नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. मऊ स्थित एक कॉलेज ने SLP दायर कर परीक्षाओं पर लगी रोक और CBI जांच के खिलाफ आवेदन किया था.
ग्वालियर हाईकोर्ट की नर्सिंग परीक्षाओं पर लगाई गई रोक और नर्सिंग कॉलेजों की CBI जांच आदेश के खिलाफ नर्सिंग कॉलेजों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक को हटाने के साथ CBI जांच रोकने गुहार लगाते हुए आदेश पर स्टे की अपील की गई, लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ग्वालियर हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को बरकरार रखने के निर्देश दिए. मामले की गंभीरता देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा है.
नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध दिलीप शर्मा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक को हटाने से इंकार कर दिया. साथ ही 364 नर्सिंग कॉलेजों की CBI जांच के आदेश को भी बरकरार रखा है. आपको बता दें कि अधिवक्ता दिलीप कुमार शर्मा की याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई है. साथ ही मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है.
सीबीआई प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है. हाईकोर्ट ने सीबीआई को 2020 से कॉलेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया गया है. 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी. बीएससी नर्सिंग पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई थी.
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