Budh Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. इस व्रत में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग अनुसार चंद्र मास के 13वें दिन यानी त्रयोदशी को प्रदोष व्रत पड़ता है. मान्यता है जो व्यक्ति इस व्रत को सच्चे दिल से रखता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. प्रदोष व्रत 17 मई दिन बुधवार को रखा जाएगा.

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. पुराणों में इस बात का जिक्र मिलता है कि जो व्यक्ति ये व्रत रखता है. उसे 2 गायों के दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है. तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन वाले बुध प्रदोष व्रत के दिन यह काम करें. इस खास उपाय से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा मिलेगा.

  • व्रत रखने वाले लोगों को प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए.
  • इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहन घर के मंदिर को साफ कर लें.
  • पूजा में बेल पत्र, अक्षत, धूप, गंगा जल इत्यादि जरूर रखें और इन सब चीजों का प्रयोग करते हुए भगवान शिव की पूजा करें.
  • इस व्रत में अन्न का सेवन न करें.
  • पूरे दिन उपवास करने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
  • दोबारा भगवान शिव की पूजा की तैयारी करें.
  • गाय के गोबर से मंडप बना लें. इसके बाद पांच अलग-अलग तरह के रंगों से मंडप में एक रंगोली बना लें.
  • फिर पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं.
  • अब भगवान शिव के ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए शिव पर जल चढ़ाएं.
  • इसके बाद जिस दिन का प्रदोष व्रत कर रहे हैं उस दिन से जुड़ी प्रदोष व्रत कथा करें.
  • अंत में शिव जी की आरती उतारें और उन्हें भोग अर्पित करें.

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