इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में इन दिनों प्याज की खेती करने वाले किसान काफी दुखी और परेशान है, क्योंकि मंडी में किसानों की प्याज 1 से 2 रुपए किलो में बिक रही है। किसानों की लागत तो दूर की बात है मंडी तक ले जाने का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है। इसलिए किसान प्याज को नालों में फेंक रहे हैं या जानवरों को खिला रहे हैं। यही हाल व्यापारियों के भी है। व्यापारी यहां के प्याज को देश के अन्य प्रदेशों में भी बेचते हैं, लेकिन भाव नहीं मिलने के कारण व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें छाई हैं।
पहले बेमौसम बारिश और अब प्याज किसानों को रुला रही है। मंडी में 1 से 2 रुपए किलो प्याज बिक रही है। जबकि किसानों का कहना है कि प्याज पर ₹8 प्रति किलो की लागत आ रही है। प्याज की फसल में प्रति एकड़ 60 से 80 हजार रुपए तक का खर्च आता है। वर्तमान में जो दाम मिल रहे हैं, उससे तो आधी लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों ने सरकार से राहत राशि दिए जाने की मांग की है।
किसान कमलेश पटेल ने बताया कि एक एकड़ में करीब 60 हजार रुपए की लागत लगी है और प्याज निकली है सौ कट्टे। मंडी में एक रुपए प्रति किलो बिक रही है। लागत तो दूर की बात है, मंडी तक ले जाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है। इसलिए प्याज को खेत में ही रहने दे रहे हैं। वहीं कुछ किसानों ने तो प्याज को सुनसान जगह या नाले के पास फेंक रहे हैं।
यही हाल प्याज के व्यापारियों का भी है। शहर के व्यापारियों ने प्याज खरीद कर गोदामों में स्टाक रखा है। लेकिन दूसरे राज्यों में भी प्याज के भाव इन दिनों डाउन है। दूसरे प्रदेशों की मंडियों में भी प्याज ₹5 से ₹7 किलो में बिक रही है, जिससे व्यापारियों को भी घाटा हो रहा है।
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