हम सबको सोने की एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें अच्छी नींद आती है. कुछ लोगों को पेट के बल लेटकर और कुछ को करवट के बल में अच्छी नींद आती है. पर कुछ लोग ऐसे में होते हैं जिन्हें सिर से ओढ़े बिना नींद ही नहीं आती. चादर या कंबल सिर से ओढ़कर सोने पर मुँह और नाक दोनों ढक जाते हैं. इस आदत से कई गंभीर परिणाम सामने आते हैं. कई बार इस तरह नियमित सोने से सिर दर्द, उल्टी और मितली की समस्याएं भी होने लगती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि सर्दी, गर्मी, बरसात चाहे कोई भी मौसम हो, सिर तक कंबल ओढ़कर नहीं सोना चाहिए. सोते समय हमेशा मुँह खुला होना चाहिए. आइए जानते हैं शरीर पर होने वाले उन दुष्प्रभावों पर जो मुंह ढककर सोने से होते हैं.

पाचन पर भी असर

इससे पाचन से सम्बन्धित समस्याएँ भी आ सकती हैं और कुछ समय बाद इसका असर वजन पर दिखने लगता है. सिर ढककर सोने से शरीर की गतिविधियाँ कम हो जाती हैं और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिस वजह से पाचन क्रिया भी सही से नहीं हो पाती है. वसा जमा होने से वजन तेजी से बढने लगता है. Read More – Rakhi Sawant की जान को खतरा, एक्ट्रेस ने खुद किया खुलासा …

स्लीप एप्निया का खतरा

यह एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है, जो अक्सर सोने के दौरान सांस लेने की कठिनाइयों के चलते होता है. खासकर बुर्जुग और मोटे लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम से पीडित हैं. सोते समय ऐसे रोगियों में घुटन का खतरा अधिक बढ़ जाता है.

स्किन एलर्जी का खतरा

मुंह ढककर सोने से स्किन एलर्जी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. अंदर की अशुद्ध हवा के कारण शरीर को शुद्ध हवा नहीं मिल पाती. जिससे त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है और त्वचा का ग्लो भी चला जाता है. नियमित ऐसे सोने से त्वचा पर रैशेज की संभावना भी काफी बढ़ जाती है.

मुंहासों की समस्या

सिर ढककर सोने से अशुद्ध वायु शरीर को मिलती है और पसीने के कारण चेहरे के रोम छिद्र भी बंद हो जाते हैं. इसके कारण चेहरे पर मुंहासों निकलते हैं.

मानसिक सेहत पर असर

सिर ढककर सोने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. इससे डिमेंशिया का जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि यह मुँह और नाक के माध्यम से वायु प्रवाह को बाधित करता है. मुँह ढककर सोने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिस वजह से सिरदर्द, नींद में कमी, जी मिचलाना, थकान, अल्जाइमर्स या डिमेंशिया जैसी दिक्कतें होती हैं. Read More – Today’s Recipe : साउथ इंडियन डिश को इटेलियन ट्विस्ट देते हुए बनाएं Cheese Dosa, यहां जानें रेसिपी …

हार्ट अटैक का खतरा

मुंह ढककर सोने से हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है क्योंकि अधिकतर लोग ठंड से बचने के लिए रजाई से मुंह को कवर कर लेते है. ऐसा करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता. जिससे जी मिचलना, उल्टी और दम घुटने की स्थिति हो सकती है और हार्ट अटैक का खतरा होने का खतरा भी बढ सकता है.

वजन बढने लगता है

सर्दियों में मुंह ढककर सोने से वजन बढने की समस्या होने लगती है. जब आप मुंह ढककर सोते हैं, तो पूरा शरीर गर्म होने के कारण नींद बहुत गहरी आती है और आप ज्यादा सोते हैं. जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाने से शरीर में फैट जमा होने लगता है और वजन तेजी से बढ़ने लगता है.

ब्लड सर्कुलेशन होता है प्रभावित

मुंह ढककर सोने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है. इस तरह सोने से शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. लंबे वक्त तक सोने के कारण कंबल में मौजूद ऑक्सीजन का ही इस्तेमाल करते हैं. देर तक वही ऑक्सीजन लेने से कंबल में ऑक्सीजन की कमी और ऑक्सीजन अशुद्ध होने लगती है. जिससे अशुद्ध ऑक्सीजन ही शरीर में जाने लगती है और शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है.

दम घुटने की आशंका

जिन लोगों को हृदय से सम्बन्धित समस्याएँ, अस्थमा या स्लीप एप्निया आदि बीमारियाँ हैं, उनमें सोते समय ऑक्सीजन कम होने के कारण दम घुटने का खतरा बना रहता है. दरअसल, मुँह ढककर हम जो हवा छोड़ते हैं, वही सांस के द्वारा अंदर खींच लेते हैं. इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता जिसके चलते दम घुटने जैसी स्थिति आ जाती है. कई बार कंबल के रेशे तक सांसों के जरिए अंदर पहुँच जाते हैं.