सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिल गए हैं. 19 मई को आंध्र प्रदेश के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन ने पद की शपथ ली है. जस्टिस मिश्रा मूल रूप से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के हैं. वहां से सुप्रीम कोर्ट आने वाले वह पहले जज हैं.

इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजे) प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन को शीर्ष कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र से की गई थी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने मंगलवार को इनके नाम की सिफारिश की थी. जस्टिस मिश्रा को 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 13 अक्तूबर 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश करके फाइल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजी, जिस पर महामहिम ने हस्ताक्षर करके दोनों के नाम पर मुहर लगा दी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों को पद की शपथ दिलाई.

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की सिफारिश की थी. केवी विश्वनाथ बार से सीधे पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जज बनाए गए हैं. उनकी सिफारिश करते हुए कॉलेजियम ने लिखा था कि केवी विश्वनाथन बार एसोसिएशन के सम्मानित सदस्य हैं और सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं. उनकी नियुक्ति से शीर्ष अदालत में बार का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा.

केवी विश्वनाथन 25 मई, 2031 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहेंगे. यही नहीं जस्टिस जेबी पारदीवाला के 11 अगस्त, 2030 को रिटायर होने के बाद वह चीफ जस्टिस बन जाएंगे. केवी विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसे 10वें जज हैं, जो सीधे वकालत के पेशे से यहां तक पहुंचे हैं. यही नहीं वकील से सीधे जज बनने के बाद चीफ जस्टिस बनने वाले भी वह देश के चौथे शख्स होंगे. इस तरह विश्वनाथ की नियुक्ति अपने आप में कई रिकॉर्ड बनाने वाली भी है. उनसे पहले जस्टिस एसएम सीकरी, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी वकालत के पेशे से आए थे और मुख्य न्यायाधीश बने थे.

सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एमआर शाह बीते दो दिनों में सेवानिवृत्त हुए हैं. न्यायमूर्ति केएम जोसेफ 16 जून 2023, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी 17 जून, न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम 29 जून और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी आठ जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.