नई दिल्ली : उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से सरकार और सर्विसेज विभाग के मंत्री के बर्ताव को लेकर सवाल उठाए.

LG ने कहा कि कोर्ट का फैसला आने के बाद जिस प्रकार से दिल्ली सरकार मंत्रियों, खासकर सर्विसेज विभाग के मंत्री के द्वारा असंवैधानिक तरीके से नियमों और प्रक्रियाओं की अवहेलना की जा रही है, उसकी तरफ आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने सीएम को याद दिलाया कि फैसला आने के बाद जब वह उनसे मिलने गए थे, तभी उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला उनके लिए सर्वोपरि है और एक बार उनके अधिकारी कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर लें, उसके बाद वह पूरी ईमानदारी से आदेश के पालन करेंगे।

एलजी ने यह भी कहा कि जब आपने पूछा था कि मेरे सचिवालय के द्वारा 28 अप्रैल 2021 को जारी आदेश वापस लिया जाएगा कि नहीं, तभी मैंने बता दिया था कि इसमें दो तीन दिन लगेंगे और हम इस बारे में फोन पर बात कर लेंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश आपके मंत्रियों ने नाटकीय तरीके से तुरंत ही आदेश जारी करने शुरू कर दिए, जो कि सिविल सर्विसेज बोर्ड के द्वारा प्रशासनिक कार्यों के लिए तय किए गए नियमों और प्रक्रियाओं के विरुद्ध थे। एलजी ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए उन पर दवाब बनाने की कोशिश करने पर भी नाराजगी जाहिर की.

CM केजरीवाल ने किया सौरभ का बचाव, LG के पत्र की भाषा पर जताई हैरानी

एलजी के पत्र के जवाब में सीएम ने भी एलजी को चिट्ठी लिखकर उनकी भाषा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आपके पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दों को पढ़कर मैं हैरान हूं. दिल्ली के लोग कई साल से न्याय की राह देख रहे थे. लंबे संघर्ष के बाद दिल्लीवालों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. लोगों ने आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत देकर जिताया है. हमसे दिल्लीवालों को बहुत उम्मीदें . हमें बहुत काम करने हैं. दिल्ली को दुनिया का नंबर वन शहर बनाना है और हम बनाकर दिखाएंगे.

 एलजी ने अपने पत्र में मंत्री सौरभ भारद्वाज के बारे में जो भी बातें लिखी थीं, उन्हें भी सिरे से खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि मैं यह मान ही नहीं सकता कि सौरभ जैसे शांत और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति ने कुछ ऐसा वैसा कहा होगा. साथ में उन्होंने यह भी लिखा कि अगर सौरभ ने किसी को कुछ कहा भी होगा, तो वो आपका छोटा भाई है. आप उसे बुलाकर डांट लीजिए, लेकिन क्या एक उप-राज्यपाल और एक मुख्यमंत्री के बीच ये वातें पत्राचार का विषय होनी चाहिए? सीएम ने कहा कि हमें अभी दिल्ली में बहुत सारे काम करने हैं. उसके लिए मैं आपके आशीर्वाद और सहयोग की कामना करता हूं.