आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है. शुक्रवार देर शाम भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान करते हुए बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों जारी करना बंद करें. 2000 के नोट बाजारों में अभी वैद्ध रहेगें.

भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 के नोट बंद करने के ऐलान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी की शिक्षा को लेकर निशाना साधा है.

उन्होंने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा. अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा, इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए. एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है. उसे समझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है.’

CM ममता ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

पश्चिम बंगाल की CM ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए 2000 रुपये के नोट के फैसले पर ट्वीट किया. उन्होंने इसे ‘बिलियन डॉलर का धोखा’ बताया है.

RBI के फैसले की बड़ी बातें

दो हजार रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा

लोग दो हजार रुपये के नोट को बैंक खातों में जमा कर सकते हैं या उसे बैंकों एवं आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में जाकर दूसरे मूल्य का नोट ले सकते हैं.

दो हजार का नोट बैंक खातों में बिना किसी बाधा के जमा किये जा सकते हैं. हालांकि यह अपने ग्राहक को जानों (केवाईसी) मानकों का पूरा करने पर निर्भर है.

लोग 23 मई से एक दिन में अधिकतम 20,000 रुपये मूल्य तक के दो हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं.

बैंक प्रतिनिधियों के जरिये बैंक खाताधारक 4,000 रुपये मूल्य तक के दो हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं.

नवंबर 2016 में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के बाद दो हजार रुपये का नोट जारी किया गया था.

नवंबर 2016 में नोटबंदी के उलट 2,000 रुपये का नोट 30 सितंबर वैध मुद्रा बना रहेगा.

यह कहा जा रहा था कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग कथित रूप से काला धन जमा करने और काले धन को सफेद बनाने में किया जा रहा था. इसको देखते हुए दो हजार रुपये के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया गया.

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2,000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी.

दो हजार रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे.

मार्च 2018 में चलन में मौजूद कुल नोट में दो हजार रुपये के नोट की हिस्सेदारी 37.3 प्रतिशत थी जो 31 मार्च, 2023 को घटकर 10.8 प्रतिशत रह गयी.

मूल्य के हिसाब से मार्च 2018 में कुल 6.73 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट 2,000 रुपये के थे जबकि 31 मार्च, 2023 को इनका मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया.

गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 में नोटबंदी की गई थी. उस दौरान तत्कालीन करेंसी 500 और 1000 के नोट के चलन पर प्रतिबंध लगाया था. जिसके बदले में 2,000 के चलन की शुरूआत हुई थी साथ ही 500 के नोट के स्वरूप को भी बदला गया था. अब एक बार आरबीआई ने बड़ा ऐलान किया है. आरबीआई ने इसकी भी जानकारी दी है कि 2000 रुपये के नोटों को जमा करने या बदलने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2023 है. एक समय में, लोग आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में 20,000 रुपये तक जमा कर सकेंगे.