लखनऊ. केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली को लेकर लाए गए अध्यादेश पर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि ‘दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है. ये बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी. बीजेपी जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है. अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है.’
बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में एक स्थाई प्राधिकरण स्थापित करने के लिए एक अध्यादेश लाई है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) के साथ स्थानांतरण पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मामलों में एलजी को सिफारिशें करने के लिए होंगे. मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम होगा.
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इससे पहले 11 मई को, सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि यह मानना सही है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एलजी सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन के अलावा हर चीज में चुनी हुई सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि अगर सरकार अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने और उन्हें हिसाब में रखने में सक्षम नहीं है, तो विधायिका के साथ-साथ जनता के प्रति उसकी जिम्मेदारी कम हो जाती है.
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