प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. बोड़ला विकासखंड के शिक्षा अधिकारी दयाल सिंह को पुलिस ने दो अलग-अलग मामले में गिरफ्तार किया. हालांकि बोड़ला पुलिस ने बीईओ को जमानती धारा होने के कारण से थाना से ही जमानत में छोड़ दिया है. जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले बीईओ ऑफिस में कलर के पद में पदस्थ आरती अग्रवाल ने बोड़ला बीईओ के खिलाफ बोड़ला थाना में प्रताड़ित और घर पहुंकर महिलाओं से मातृत्व अवकाश पर 5000-5000 हजार लेने की शिकायत की थी. जिस पर बोड़ला पुलिस ने मामले को गंभीर में लेते हुए बीईओ दयाल सिंह के खिलाफ धारा 354 घ के तहत मुकदमा दर्ज किया था. वहीं पत्रकार प्रदीप गुप्ता के साथ गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी थी.

यह है मामला

बोड़ला sdop जगदीश उइके ने बताया कि, घटना के विषय में विकास खंड शिक्षा कार्यालय में कार्य करने वाली आरती अग्रवाल के द्वारा 1 मई 2023 को थाना प्रभारी को इस विषय में थाने में आकर लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने शिकायत कर बताया था कि, बीइओ दयाल सिंह ऑफिस की चाबी मांगने के बहाने पीछा करते हुए कवर्धा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित उनके घर तक पहुंच गया था. इसके अलावा ऑफिस में भी उसने गलत व्यवहार किया था, जिसके चलते वह डरी और सहमी हुई महसूस कर रही थी. इन सभी विषयों को लेकर आरती अग्रवाल ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिस पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 121 /23के अंतर्गत मामला दर्ज करते हुए आईपीसी की धारा 354 के तहत ज मामले पर f.i.r. करते हुए कार्रवाई की.

पत्रकार संघ ने FIR के लिए दिया आवेदन

बीइओ दयाल सिंह पर कवर्धा के पत्रकार प्रदीप गुप्ता को जान से मारने की धमकी दिए जाने को लेकर पत्रकार संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कवर्धा एसपी कार्यालय में उक्त बीईओ के खिलाफ f.i.r. की मांग की है. जिस पर उनके खिलाफ धारा 294 506 507 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है. स्कूलों में वितरण के लिए दिए गए पाठ्य पुस्तकों और अंकसूची को कबाड़ में बेचने के संबंध में मीडिया कर्मी प्रदीप गुप्ता ने उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया था, जिस पर मीडिया कर्मी के साथ गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी.

विवादों से है गहरा नाता

विकास खंड शिक्षा अधिकारी दयाल सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है. इससे पहले भी वे अन्य स्थानों पर भी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के दायित्व पर कार्य कर चुके हैं. वहां पर भी ऐसे ही विवादों की स्थिति बनी थी. ताजा मामले में भी लगातार विवादों में बने हुए हैं. उनके द्वारा मीडिया कर्मी को धमकाना गाली-गलौज करना अपने मार्क्स कर्मचारियों से गलत व्यवहार करना इसके अलावा अन्य कई विषयों पर उनकी गंभीर शिकायतें रही हैं, लेकिन उसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं किया जाना समझ से परे है. अलग-अलग घटनाओं के बाद भी विवादित विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर बने रहने से उनके राजनीतिक रसूख की लोगों के द्वारा की चर्चाएं की जा रही है. पहले भी उनके तबादले होने पर तबादले के बाद स्टे आर्डर ला लिया गया था. इस बार भी तबादले के बाद उनके द्वारा स्टे आर्डर ला लिया गया है.

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