मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के 2000 रुपए के नोट को वापस लेने के फैसले पर गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया है कि नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया था. इसके अलावा नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई है. हम 2000 रुपए के नोटों को संचलन से वापस ले रहे हैं, लेकिन वे कानूनी निविदा के रूप में जारी हैं.
शक्तिकांत दास ने मीडिया से चर्चा में बताया कि 500 और 1000 रुपए के नोटों को जब चलन से वापस लिया गया था, तब सिस्टम से निकाले जा रहे पैसे के मूल्य को जल्द भरने के उद्देश्य से 2000 रुपए के नोट जारी किए गए थे. वह उद्देश्य पूरा हो गया है, आज प्रचलन में अन्य मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट हैं. यहां तक कि 2000 रुपए के नोटों का चलन भी 6 लाख 73,000 करोड़ के अपने चरम से घटकर लगभग 3 लाख 62,000 करोड़ हो गया है. अब (इसकी) छपाई भी बंद कर दी गई है. नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि मैं स्पष्ट करता हूं और फिर से जोर देता हूं कि यह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन परिचालन का एक हिस्सा है. रिजर्व बैंक लंबे समय से स्वच्छ नोट नीति का पालन कर रहा है. आरबीआई समय-समय पर एक विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है, और नए नोट जारी करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है (नोट्स के आदान-प्रदान के लिए) ताकि इसे गंभीरता से लिया जाए, अन्यथा, यदि आप इसे खुला छोड़ देते हैं, तो यह एक अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है.
कल से बदला जाएगा नोट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नोट जारी कर बताया कि आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले प्रदान किया जा रहा था. 23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपए तक की जा सकती है.