रायपुर. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और उन्नत शिक्षण संस्थानों के अध्ययन व अवलोकन के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में आस्ट्रेलिया गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आज सिडनी में जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ का भ्रमण किया. जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ का मुख्यालय ऑस्ट्रेलिया में है तथा यूनाइटेड किंगडम, चीन और भारत में इसके क्षेत्रीय कार्यालय संचालित हैं. यह संस्थान गैर-संचारी रोगों, कुपोषण, गुर्दे की बीमारी तथा इन्जुरी व ट्रामा सहित विभिन्न रोगों पर शोध करता है. जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ बड़े पैमाने पर चिकित्सा विज्ञान सम्बन्धी अध्ययन के लिए जाना जाता है और यह दुनियाभर में अग्रणी शोध विश्वविद्यालयों में से एक है.
जॉर्ज इंस्टीट्यूट छत्तीसगढ़ में पांच साल तक करेगा शोध
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर ने आज जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ में बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ में कुपोषण एवं एनीमिया के कारण जन्म के समय बच्चों में कम वजन, ऊंचाई न बढ़ने तथा शारीरिक व मानसिक विकास की प्रक्रिया अवरूद्ध होने जैसी समस्याओं से निपटने की कार्ययोजना पर विशेष चर्चा की. इस दौरान जॉर्ज इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने दुनिया भर में गैर-संचारी रोगों के कारण होने वाली समस्याओं को रोकने व उनके दबाव को कम करने के लिए अभिनव प्रयासों पर जोर देने कहा.
बैठक में स्वास्थ्य विभाग और जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के बीच प्रदेश में कुपोषण तथा गैर-संचारी रोगों पर पांच वर्ष के शोध के लिए एमओयू भी किया गया. स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह और जॉर्ज इंस्टीट्यूट की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रो. अनुष्का पटेल ने इस गैर-वित्तीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के अंतर्गत जॉर्ज इंस्टीट्यूट प्रदेश में कुपोषण एवं गैर-संचारी रोगों पर शोध कर तकनीकी मॉडल तैयार करेगा. यह मॉडल पूर्ण रूप से फील्ड रिसर्च के बाद एविडेंस आधारित मॉडल होगा, जिससे इन गंभीर समस्याओं के कारण होने वाली बीमारियों के निराकरण में मदद मिलेगी.
इन्जुरी एवं ट्रामा प्रबंधन पर भी हुई चर्चा
अध्ययन भ्रमण पर गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जॉर्ज इंस्टीट्यूट के इन्जुरी विभाग की कार्यक्रम प्रमुख प्रो. जूली ब्राउन एवं सह-प्राध्यापक जगनूर के साथ बैठक में इन्जुरी और ट्रामा के इलाज व प्रबंधन के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रशिक्षण तथा मरीज के अस्पताल पहुंचने के पहले प्री-स्टेबलाइजेशन जैसे विषयों पर भी चर्चा की. इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन, जॉर्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के मुख्य वैज्ञानिक प्रो. डेविड पेरिस, मुख्य परिचालन अधिकारी टिम रीगन और इम्पैक्ट एंड इंगेजमेंट प्रमुख वरोनिका ले नेवेज भी मौजूद थीं.
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