सुकमा- छत्तीसगढ़ में नासूर बन चुके माओवादियों को सुकमा पुलिस ने तगड़ा झटका दिया है. एसपी अभिषेक मीणा ने दावा किया है कि बीते सात महीनो में हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में करीब 45 माओवादियों को ढेर किया गया है. दावा किया जा रहा है कि संख्या इससे ज्यादा भी हो सकता है, चूंकि माओवादी हताहत हुए अपने साथियों को छोड़कर नहीं जाते, लिहाजा वास्तविक आंकड़ें पुलिस के पास भी मौजूद नहीं है.
एसपी अभिषेक मीणा ने लल्लूराम डाॅट काम से हुई बातचीत में बताया कि- बीते सात महीनों में हुए मुठभेड़ों के आधार पर यह आंकड़ें निकाले गए हैं. उन्होंने कहा कि एलाड़मड़गू में हुई मुठभेड़ में 10-15 माओवादियों के मारे जाने की जानकारी पुलिस के पास है. मीणा ने कहा कि 45 माओवादियों में से करीब 22 माओवादियों के शव भी पुलिस ने बरामद किया है. बाकी शवों को माओवादी अपने साथ ले गए.
माओवादियों ने माना था- उठाना पड़ा है बड़ा नुकसान
गौरतलब है कि बीते साल पीएलजीए के स्थापना दिवस के मौके पर जारी की गई प्रेस रिलीज में माओवादियों ने माना था कि फोर्स के बढ़ते मूवमेंट से उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. माओवादियों ने यह भी माना था कि फोर्स के मूवमेंट, मुठभेड़ों से बड़ी तादात में हथियार और कारतूस जब्त कर लिए गए. माओनादियों ने यह भी स्वीकार किया था कि 1200 से ज्यादा नक्सलियों के आत्मसमर्पण किए जाने से भी संगठन कमजोर पड़ा है.
आपरेशन प्रहार बनी माओवादियों के लिए मुसीबत
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिस तरह से माओवादियों के खिलाफ आपरेशन प्रहार लांच किया था, उससे भी माओवादियों को तगड़ा झटका लगा. आपरेशन प्रहार वन हो या प्रहार टू दोनों ही आपरेशन में सुरक्षा बलों के हिस्से बड़ी कामयाबी आई और माओवादियों को हताहत होना पड़ा.