जैसा कि इसका नाम ही है स्वप्न दोष, अर्थात जब व्यक्ति किसी भी प्रकार के संभोग की कल्पना करता है तो अक्सर रात में उसे संभोग के सपने सताते हैं. स्वप्न दोष या शीघ्रपतन के कारण अधिकांश युवक इस रोग से परेशान हैं और अधिकांश को मालूम ही नहीं कि ये किस किस्म का रोग है. सपने में सेक्स संबंधी दृश्य देखने पर गुप्तांग में उत्तेजना आती है और शुक्राशय में एकत्रित हुआ वीर्य निकल जाता है. इसे स्वप्नदोष (नाईट फॉल) होना कहते हैं. दोनों ही रोगों का मूल कारण संभोग की कल्पना और स्नायु दुर्बलता माना गया है.
नींद में व्यक्ति जब स्वप्न की अवस्था में होता है. तब ठीक यही समय स्वप्नदोष का होता है. स्वप्नदोष की तीव्र और अधिकतम अवस्था में स्वप्नदोष की अधिकता होने पर एक ही रात में व्यक्ति को 3 से 4 बार भी हो सकता है.
महर्षि चरक के अनुसार स्वपन मनसः कामासक्तत्वात् शुक्र स्रावमयो दोषाख्यः रोगोरव्यो यः सो हिं स्वपनदोषो भवति।। अर्थात – “स्वपन देखते समय मन के कामासक्त हो जाने पर वीर्य का स्राव हो जाना ही स्वपन दोष नामक व्याधि है.”आयुर्वेदज्ञों ने स्वपन दोष के अनेकों कारण बतलाऐ हैं. सबसे प्रमुख कारण जो बतलाया गया है. वह है स्त्री चिन्तन और भोग लालसा की अधिकता का होना. अतः इस रोग की समाप्ति के लिए मन की सुचिता सवसे प्रमुख दवा है.
कुंडली में मंगल और शुक्र की स्थिति खराब होने पर होता है रोग
कुंडली में अगर मंगल और शुक्र खराब हो तो कई परकार के गुप्त रोगों का भी भय होता है. अतः उन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए जिनके कुंडली में ये दोनों ग्रह खराब हो. विशेष तौर पर अगर कुंडली में छठा, सातवां और आठवां घर अगर सही न हो तो व्यक्ति को स्वप्न दोष, असंतोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता आदि का शिकार होने की संभावनाए बन जाती है. अतः अगर कोई भी शक हो तो ऐसे में ज्योतिषी की सलाह भी ले लेनी चाहिए. जिससे वैवाहिक जीवन को अच्छा बनाया जा सके.
इस तरह की समस्या में यह उपाय करें
ज्योतिष अनुसार जब शुक्र-राहु की युति हो तो जातक नामर्द या नपुंसक होता है. इसके साथ साथ जब शुक्र-केतु की युति हो तो स्वप्न दोष, पेशाब संबंधी रोग होते हैं. इस तरह की कोई भी समस्या है तो ज्योतिषी को कुंडली दिखा के उचित रत्न धारण करे. रोज नियमित रूप से प्राणायाम करे, जिससे की शारीर में प्राणशक्ति बढ़े. शरीर तेजोमय होता है और शक्तिशाली भी बनता है. अगर आप किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करते हैं तो उसे त्याग दें.
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