सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर 11 जून से राजधानी में सपरिवार धरना-प्रदर्शन के अलावा मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे. इसके बाद द्वितीय चरण में 15 जून के बाद वॉल पेंटिंग के जरिए कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी आम जनता के सामने रखेंगे. तृतीय चरण में मानसून विधानसभा सत्र के दौरान समग्र आंदोलन करेंगे. इस संबंध में विभिन्न अनियमित संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया.

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का वादा किया था. यही नहीं कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छंटनी न करने और आउट सोर्सिंग बंद करने तथा पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने का वादा किया था.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 14 फ़रवरी 2019 को घोषणा की थी कि यह वर्ष किसानों का है, आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा. लेकिन मार्च 2019 में बनी समिति अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है. जुलाई 2019 से शासन अभी तक अनियमित कर्मचारियों की आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकी है. यही नहीं आउट सोर्सिंग बंद नहीं हुआ है.

साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कूल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वस्थ्य कर्मचारियों, ग्रामीण विकास विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटरों की छटनी कर दी, और छटनी निरंतर जारी है. मार्च 2017 के पश्चात् न्यूनतम वेतन एवं अगस्त 2019 के पश्चात् संविदा वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सरकार की दोहरी नीति नहीं है.

इसके साथ ही उन्होंने मोर्चा की पांच सूत्रीय मांगों को दोहराते हुए कहा कि समस्त अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए, निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की बहाली की जाए, इसके साथ अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करना, आउट सोर्सिंग/ठेका बंद करने और दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की है.