नई दिल्ली. एक रेप के आरोपी ने पीड़िता से शादी करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि वो मांगलिक है. इस पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग से पीड़िता की कुंडली देखकर ये बताने का आदेश दिया कि वो मांगलिक है या नहीं. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुंडली जांच कराने का आदेश दिया था. जस्टिस बृज राज सिंह की कोर्ट ने ये आदेश 23 मई को दिया था. अदालत ने लखनऊ यूनिवर्सिटी को 10 दिन का वक्त दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होनी थी. लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया और फैसले पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के इस आदेश पर हैरानी जताई है.
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ये मामला लखनऊ के चिनहट इलाके का है. यहां की एक लड़की ने आरोप लगाया कि उन्हें गोविंद राय उर्फ मोनू नाम के शख्स ने शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया और उनके साथ यौन संबंध बनाए. थाना चिनहट में दर्ज FIR के अनुसार, आरोपी और महिला की शादी परिवार की रजामंदी से तय हुई थी. इस बीच महिला के पिता का देहांत हो गया. मौके पर आरोपी आया, और शादी का झांसा देकर महिला के साथ संबंध बनाए. घर पहुंचकर आरोपी ने शादी से इंकार कर दिया.
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