जड़ी-बूटियां बहुत चमत्कार‍िक होती है. यह जहां स्वास्थ्य के लिए हितकारी है वहीं इनके कई चमत्कारिक प्रयोग भी प्राचीनकाल से किए जाते रहे हैं. हमारे आसपास ही कुछ ऐसे पेड़ पाए जाते हैं, जिनकी चरणों का इस्तेमाल करके हम अपनी परेशानियों और बाधाओं को चुटकियों में दूर कर सकते हैंबहेड़ा की जड़ : पुष्य नक्षत्र में बहेड़ा वृक्ष की जड़ तथा उसका एक पत्ता लाकर पैसे रखने वाले स्थान पर रख लें. इस प्रयोग से घर में कभी भी दरिद्रता नहीं रहेगी.

मदार की जड़ : रविपुष्प नक्षत्र में लाई गई मदार की जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृधि में वृद्धि होती हैं.

दूधी की जड़ : सुख की प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर शरीर में लगाएं.

बरगद का पत्ता : अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न भंडार में रखें। भंडार हमेश भरा रहेगा. इसके अलाव धन हेतु बरगद अथवा बड़ के ताजे तोड़े पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बना कर पुष्य नक्षत्र में घर में रखें.

धतूरे की जड़ : धतूरे की जड़ के कई तां‍त्रिक प्रयोग किए जाते हैं. इसे अपने घर में स्थापित करके महाकाली का पूजन कर ‘क्रीं’ बीज का जाप किया जाए तो धन सबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

अनार का बांदा : बांदे को रखने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती और न ही भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश होता है.

हत्था जोड़ी : यह विशेषतौर पर वशीकरण के लिए होती है. माना जाता है कि हत्था जोड़ी को अपने पास रखने से लोग आपको सम्मान देने लगते हैं.

तुलसी की जड़ : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर धारण करें। इससे अग्निभय से मुक्ति मिलेगी.

नीबू की जड़ : उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं. इस प्रयोग से उसे पुत्र की प्राप्ति होगी.

मदार की जड़ : रविपुष्प में उसकी मदार की जड़ को बंध्या स्त्री भी कमर में बंधे तो संतान होगी.

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