अमित पांडेय, खैरागढ़। मेकल पर्वत माला और हरे भरे वनों से सुशोभित खैरागढ़ विभिन्न वन्य प्राणीयों के साथ-साथ कई प्रजातियों के पक्षियों का भी आशियाना बना हुआ है. खैरागढ़ से लेकर दूर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा तक फैले जंगल इन दिनों पक्षी प्रेमियों को आकर्षित कर रहे हैं.
प्रदेश के दूरस्थ इलाक़े से भी यहाँ पक्षी प्रेमी पहुँच रहे हैं. लगातार यहाँ से नई नई पक्षियों की प्रजाति रिकॉर्ड की जा रही है. पक्षी प्रेमियों ने एक बर्ड वॉचिंग टूर बर्डर प्रतीक़ ठाकुर की अगुवाई में आयोजित किया, जिसमें सात और पक्षी प्रेमी शामिल हुए. एक ही दिन में पक्षियों की 75 स्पीशीज (species) रिपोर्ट की.
75 पक्षियों को एक ही दिन में रिकॉर्ड करना वैसे ही बड़ा आंकड़ा था, लेकिन इण्डियन साइमिटर बेबलर (indian scimitar babbler) को राजनादगांव, खैरागढ़ और मानपुर ज़िले में पहली बार रिपोर्ट करने से पक्षी प्रेमियों में ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.
घने जंगल में पाए जाने वाले इस पक्षी का मिलना इस बात का प्रमाण है कि खैरागढ़ वन मण्डल काफ़ी रिच बायोडायवर्सिटी वाले एरिया से संपन्न है. इसके पहले भी खैरागढ़ राजनादगाँव ज़िले में 250 से अधिक बर्ड रिर्पोट की जा चुकी है, जिसमें कॉमन क्रेन ,मालाबार पाइड हॉर्नबिल , ग्रे लेग गूस , इजिप्शन वल्चर और कई संरक्षित पक्षी शामिल हैं.
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