हेमंत शर्मा, इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस समय मध्य प्रदेश की उन 66 सीटों के दौरे पर रहे, जिन सीटों पर कांग्रेस लगातार हारती हुई आ रही है। दौरे के अंतिम दिन इंदौर में दिग्विजय सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों में गुटबाजी होती है। पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा और मेरी खूब चर्चा होती थी। हम दोनों के लगभग 45 साल से ज्यादा के संबंध है और हम दोनों सन 77 में चुनाव लड़े। वह खुद कुछ वोट से हार गए, मैं कुछ वोटों से जीत गया, फिर संसद में चले गए। ऐसा राजनीतिक दलों में थोड़ी सी गुटबाजी होती है। वो एक गुट के मुख्य थे। हम दूसरे गुट के मुखिया थे। खूब हमारी चर्चा होती थी। खूब विवाद भी होता था, लेकिन संवादहीनता की स्थिति हमारे बीच कभी नहीं बनी। मतभेद होते थे, लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए। हम लोगों का संदेश सभी कार्यकर्ता और कांग्रेस के नेताओं को है कि हम लोग सभी एक परिवार के सदस्य और उस परिवार के सदस्य के नाते हम जो चाहे विचार रख सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी की जो मूल विचारधारा है उस पर अधिक चर्चा होनी चाहिए।

महेश जोशी थे मेरे गुरु- दिग्गी

दिग्विजय सिंह ने कहा कि इंदौर के महेश जोशी मेरे भी गुरु थे और निखरा जी के भी गुरु थे। उन्होंने एक बात कही थी दिग्विजय पार्टी के प्रति समर्पण रहना। लोग डंडा मार के भी भगाएं तो भी मत भागना। डटे रहना और मैं इस बात का गर्व करता हूं कि हम लोगों के ऊपर उतार खूब आए, लेकिन पार्टी छोड़ कर हम कहीं नहीं गए और बुरे समय में भी कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े रहे काम किया। आज कई लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि हम राजनीति में आना चाहते हैं, मैं उनको एक ही बात कहता हूं कि पहले तय करो कौन सी विचारधारा से जुड़ना है। कई लोग खुसहमदिन होते हैं तो मैने कहां घर बैठों विचार धारा के साथ जुड़ो।

जिनसे हमें उम्मीद नहीं थी वह कांग्रेस छोड़कर करें

दिग्विजय सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य से जिनसे हमें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि वे कांग्रेस के खिलाफ भी कभी जा सकते हैं, जिस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया। नेहरू गांधी के परिवार के निकटतम सिंधिया हमें छोड़कर चले गए, इससे वाक्यों में मुझे कथित तौर पर धक्का लगा। मैं इस बात को कह सकता हूं, जब हमारे पास खबरें आती थी कि कुछ लोग बिक रहे हैं मैं कभी भी विश्वास नहीं करता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भी उस श्रेणी में आ जाएंगे। उनका उभरता नेतृत्व था और पूरी संभावनाएं थी उन्हें आगे आने की। उन्हें नेहरू गांधी परिवार ने सोनिया जी ने सम्मान दिया। मंत्री बनाया। दो-दो बार मंत्री बनाया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महामंत्री बनाया और पारिवारिक संबंधित हैं, लेकिन हमें छोड़ कर चले गए। छोड़ के चले जाने के बाद उनके जो बयान अब आ रहे हैं उससे हमें और भी ज्यादा दुख है। कल मंदसौर की गोली कांड की वरसी थी। जहां बर्बरता से आंदोलित किसानों के ऊपर पुलिस फायरिंग हुई और किसान मारे गए कई, कई घायल हुए। दुख इस बात का है कि ज्यूडिशल कमिशन बन गया। जांच आयोग बन गया, लेकिन आज तक विधानसभा के पटल पर वह जांच रिपोर्ट नहीं रखी गई। क्या कारण है? कल कमलनाथ की पिपलिया मंडी में आम सभा थी। कल कई लोगों ने सिंधिया जी का पुराना वीडियो वायरल किया, जिसमें वह शिवराज सिंह चौहान से कह रहे हैं कि तुम्हारे हाथ किसानों के खून से रंगे हुए हैं शिवराज सिंह। आज वो शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठकर गले में हाथ डाल रहे हैं, क्या यह विचारधारा है? मैं समझता हूं कि हमें कतई उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया जी एक छोटे से पद के लिए वह कांग्रेस पार्टी को धोखा देकर चले जाएंगे।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 15 महीने का समय हमारी सरकार को मिला था, उस 15 महीने में कमलनाथ जी ने जो वादे किए थे वह पूरे किए। किसानों का कर्जा भी माफ हुआ। 27 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ, लेकिन शिवराज सिंह जी कहते हैं कोई कर्जा माफ नहीं हुआ। हमने उन्हीं के गांव जेत उनके रिश्तेदारों की सूची पटल पर रख दी, जिसमें उनका कर्जा माफ हुआ। विधानसभा में जयवर्धन का प्रश्न था उसमें स्वीकार किया 2700000 लगों का कर्जा माफ हुआ है। पहले बिजली के बिल हजारों में आते थे। अब सैकड़ों में आने लगे। किसानों के बिल आधे कर दिए थे। बिजली की आप वितरण व्यवस्था देख लें, इसमें भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। हां बिजली की कमी मेरे समय थी। उसका कारण था किसी भी पावर प्रोजेक्ट को लगने में समय लगता है और जब प्रदेश का विभाजन हुआ तो जितने हमारे पावर प्लांट्स थे। वह चले गए छत्तीसगढ़ में। अधिकांश कंजूमर रहे मध्यप्रदेश में, लेकिन उस समय हमने कहा था कि 2007 में मध्य प्रदेश बिजली सर प्लस में आगे हो जाएगा। 2007 में हमारा प्रदेश बिजली में सर प्लस हुआ। आज भी जितनी स्टॉल केपेसिटी है, उसका उपयोग नहीं हो रहा है। सरकारी पावर प्लांट्स बंद कर दी और प्राइवेट पावर प्लांट हायर ट्रेडिंग पर चालू रखा जा रहा है।

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार जनहित में नहीं चलती है। यह व्यवसाय करती है। धंधा करती है। यदि आप देखेंगे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आते ही सबसे पहले डंपर खरीदें और डंपर खरीदने के बाद शिवराज सिंह जी ने अपना पता रीवा का दिया, जो कि अपने आप में एक अपराध है, लेकिन सरकार रहते हुए उस पूरे मामले को ठंडा कर दिया गया। हम लोगों ने हर स्तर पर उठाने का प्रयास किया। निरंतर आप देखेंगे इतने भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आए। कोई भी बिंदु ले लीजिए आपको उस पर भ्रष्टाचार के प्रमाण मिलते हैं, क्योंकि हर चीज की रेट बनी हुई है। कमीशन बना हुआ है और भ्रष्ट मुख्यमंत्री-मंत्री, भ्रष्ट अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के दलाल और पूरे प्रदेश में चाहे रेत का अवैध खनन हो चाहे.. व्यापम की नियुक्तियां हो.. चाहे हमारे कुपोषित बच्चों का पोषण आहार हो.. चाहे बच्चों की यूनिफार्म के कपड़े हो.. ई टेंडरिंग हो हर चीज में इन्होंने भ्रष्टाचार किया है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में जो महाकाल मंदिर की जमीन थी उसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए अलाट कर दी गई। हमारी सरकार आई। हमने उसको कैंसिल कर दी तो हाईकोर्ट में चले गए। फैसला नहीं होने दिया और आज जमीन पर दुकानें दी गई हैं और दुकानों में पगड़ी ली गई है और किराया वसूल किया जा रहा है। पार्किंग के लिए पैसा वसूल किया जा रहा है। वहां पर गेस्ट हाउस बनाया गया है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि महाकाल लोक का गुजरात के एक ठेकेदार को ठेका दिया गया, एक तेज हवा के झोंके में 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं, जबकि टेंडर में अंडरटेकिंग है कि 100 साल तक मूर्तियां नहीं गिरेगी। लेकिन 1 साल में यह मूर्तियां गिर गई। पीएम नरेंद्र मोदी किस प्रकार से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आप को ठगा है, यह प्रमाण है। आपने कहा था ना खाऊंगा ना खाने दूंगा यहां पर खाया भी गया है आपने खाने भी दिया है, जिन्हें आपने अब तक मुख्यमंत्री बना रखा है और तो और एक खंबे का कलश अपने आप नीचे गिर गया। यह क्या हो रहा है। 25 परसेंट की कमीशन की बात तो सुना करते थे, अब तो 80% कमीशन की बात लोग कर रहे हैं। कर्नाटक में 40% थे यहां तो हमारे मामू जो है वह 80% है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश की राजनीति में कैलाश जोशी जी एक ऐसा व्यक्तित्व थे जिनको हर पार्टी से सम्मान मिलता था। जीवन में उन पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप विरोधी भी नहीं लगा पाए। छोटे-मोटे भाजपा के नेताओं को पद्मभूषण पद्मश्री.. न जाने कौन कौन से अवार्ड दे दिए, लेकिन कैलाश उसके लायक नहीं थे, क्योंकि वह ईमानदार थे। इनको चाहिए बेईमान, भ्रष्ट, कमाऊ पूत जो इनके लिए चंदा ला सके। कैलाश जोशी अपने बेटे दीपक जोशी के लिए क्या छोड़ गए, तीन कमरों का एक देवास में मकान, लेकिन दीपक जोशी ने अपने बयान में कहा है कि यह शिवराज सिंह चौहान जब हमीदिया कॉलेज पढ़ते थे तो इनके खाने का और कपड़ों की व्यवस्था कैलाश जोशी जी किया करते थे। यह मैं नहीं कह रहा हूं यह दीपक जोशी का बयान है। दीपक जोशी की पत्नी कोरोना वायरस से मर गईं। 6 घंटे तक दीपक जोशी जी एंबुलेंस के लिए इंतजार करते रहे, उन्होंने सीएमओ को फोन किया। मुख्यमंत्री को फोन किया। लेकिन किसी ने जवाब तक नहीं दिया।

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि रामनवमी पर बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी पर हादसा हुआ। रामनवमी के दिन 36 भक्तों की मृत्यु हुई है। बावड़ी पर स्लिप डाला गया था उसके अध्यक्ष कौन थे? भाजपा के पूर्व पार्षद सेवाराम गलानी बिना मंजूरी के ही स्लिप डाल दिया। शिकायत हुई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष सक्सेना पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़े गए। बजरंग दल का अध्यक्ष सतना का आईएसआई के लिए जासूसी करते पकड़ा गया।

2000 के नोट बंद करने पर बोले दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने कहा कि हजार रुपए का नोट और ₹500 के पुराने नोट को बंद करने के लिए 4 घंटे का समय दिया, उसको रद्दी की टोकरी में डालने के अलावा कुछ नहीं किया। अब 2000 का नोट भी कागज का टुकड़ा रह गया। उसकी लीगल मान्यता समाप्त हो गई। 500 और 1000 रुपए का नोट तो आम आदमी के पास होता है, उसके लिए 4 घंटे का समय दिया गया। ₹2000 का नोट जिनके पास है उनके पास काला धन है बड़े-बड़े लोग बड़े-बड़े सेठ कॉरपोरेट्स जिनके पास काला धन है उनके लिए 4 महीने का समय दिया गया है।

दमोह मामले पर बोले

दमोह में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि महाकाल लोक के भ्रष्टाचार को दबाने के लिए बीजेपी ने मुद्दे को क्रिएट किया है। पहले खुद ही शिकायत करते हैं और उसके बाद उसका उल्लंघन करते हैं।

कैलाश विजयवर्गीय पर किया पलटवार

कैलाश विजयवर्गीय द्वारा बूढ़ा कहने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय हमारे साथ पैदल चल कर दिखा दे तो पता पड़ जाएगा कौन जवान है कौन बुजुर्ग है, जहां तक वीडी शर्मा का सवाल है हमें उनकी चिंता नहीं है कितने केस खोलेंगे, खोल दो। हम नहीं डरते हैं। उनसे दिग्विजय सिंह ना कभी डरा है ना ही डरेगा।

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