फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ में मोबाइल यूनिट गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है. मोबाइल यूनिट गांव-गांव, गली-गली जिंदगी बांट रही है. फ्री में टेस्ट, फ्री में इलाज और दवाईयां मिल रही हैं. मरीजों के चेहरे पर खुशियां लौट गई है. बघेल सरकार पर बेहिसाब आशीर्वाद बरस रहा है. मोबाइल यूनिट चिकित्सक दल नगरीय क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में पहुंच रहा है. चिकित्सक दल घूम-घूम कर गरीबों का इलाज कर रहा है.

जरूरतमंदों का निःशुल्क इलाज

दरअसल, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना से बीमार, रोग ग्रस्त मरीजों के चेहरे पर खुशी लौटने लगी है. मोबाइल यूनिट चिकित्सक दल नगरीय क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में पहुंचकर जरूरतमंदों का निःशुल्क इलाज कर रहे हैं. इन बस्तियों में रहने वाले गरीब लोग जो कई कारणों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण या इलाज कराने अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते, जिसके कारण उनका बेहतर इलाज और उपचार या स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाता.

46 हजार 455 लोगों का इलाज

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इन गरीबों की पीड़ा को समझा और गरीबों का इलाज कराने उनकी बस्तियों में चिकित्सक पहुंचे ऐसी परिकल्पना की. महासमुंद जिले में इस योजना के तहत अप्रैल 2023 तक 46 हजार 455 लोगों का इलाज और निःशुल्क दवाईयां दी जा चुकी है. जिले की नगरीय क्षेत्रों की 22 स्लम बस्तियों में मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहन में चिकित्सक दल घूम-घूम कर गरीबों का इलाज कर रहें हैं.

44 हजार 196 मरीजों को निःशुल्क दवाइयां

नगर पालिका अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक जिले के नगरीय स्लम बस्तियों में 609 कैम्पों में 46 हजार 455 मरीज स्वास्थ्य परीक्षण कराने आएं. इनमें से 44 हजार 196 मरीजों को जरूरी निःशुल्क दवाइयां दी गई. वहीं 7262 व्यक्तियों का विभिन्न बीमारियों का लैब टेस्ट किया गया. मोबाइल यूनिट लैब में 41 प्रकार के स्वास्थ्य की जांच की जाती है. श्रम विभाग में 50 मरीज पंजीकृत हैं. अब तक कुल 207 मरीजों का पंजीकरण हेतु प्रकरण के आवेदन प्राप्त हुए हैं.

स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बेहतर साधन उपलब्ध

महासमुंद जिले के 6 नगरीय क्षेत्रों में 22 स्लम एरिया हैं. इनमें महासमुंद और बागबाहरा में 5-5, सरायपाली में एक, पिथौरा और तुमगांव नगर में 4-4 एवं बसना में 3 स्लम एरिया हैं. इन शहरी स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा प्रारंभ कर दूरस्थ अंचल के जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बेहतर साधन उपलब्ध कराया गया है.

स्लम बस्तियों में कैंप

इस मोबाइल मेडिकल यूनिटों में एमबीबीएस डॉक्टर जिले की स्लम बस्तियों में कैंप लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहें है. साथ ही कैम्प में मुफ्त दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट, मुफ्त लैब टेस्ट करने के लिए लैब मरीजों तक मुफ्त जांच, उपचार और दवा की सुविधा पहुंचाई जा रही है.

अत्याधुनिक सुविधा वाली मशीनों से जांच

बता दें कि 01 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी. यूनिट के जरिए लोगों का खून जांच, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड, ईसीजी, ब्लड प्रेशर, पल्स, ऑक्सीमीटर के साथ अन्य जांच कुशल लैब टेक्नीशियन एवं अत्याधुनिक सुविधा वाली मशीनों से की जा रही है.

मोबाईल मेडिकल यूनिट अंतर्गत लगने वाले कैम्प और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वालों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है. मरीज मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम से इलाज करा रहे हैं. मोबाईल मेडिकल यूनिटों के जरिए अब तक 609 कैम्प लगाए गए हैं.

इनमें महासमुंद में 266 और सरायपाली नगरीय क्षेत्र में 106, बागबाहरा में 77, पिथौरा में 61, बसना में 64 और तुमगॉव नगरीय क्षेत्र में 35 मोबाईल मेडिकल यूनिट कैम्प लगे हैं. स्लम इलाकों में रहने वाले क्षेत्र के नागरिकों को इलाज और मेडिकल जांच के लिए कहीं भी भटकना नहीं पड़ रहा. यह मोबाईल मेडिकल यूनिट स्लम इलाकों में जा रही है.

वहीं धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर को दवाइयों का ऑर्डर भी दिया जा रहा है. अब जिले के शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों में निवासरत लोगों की नियमित जांच, उपचार, दवा का लाभ और बेहतर एवं सरल तरीके से सुविधा मिल रही है, जिससे स्लम इलाकों में रहने वाले लोग ना सिर्फ इन मोबाइल मेडिकल यूनिट पर डॉक्टरों से अपना इलाज करा सकेंगे, साथ ही यहां से दवाइयां और कई ज़रूरी टेस्ट भी मुफ्त किए जा रहे हैं.

अब जिले में स्लम बस्तियों के मरीजों को मुफ्त जांच, उपचार और दवा की सुविधा और बेहतर तरीके से मिल रही है. आधुनिक उपकरण से सुसज्जित मोबाईल मेडिकल यूनिट स्वास्थ्य सेवाएं देगी। मोबाइल मेडिकल यूनिट में 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किए जाते हैं. कैंप लगाकर डॉक्टर, लोगों की जांच कर रहे हैं. औसतन एक कैम्प में लगभग 75 मरीज मोबाइल यूनिट के जरिए लाभ ले रहे हैं.

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