रेणु अग्रवाल, धार। हनुमान जी (Hanuman Ji) को आदिवासी (Tribal) बताने पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। पूर्व मंत्री उमंग सिंगार (Umang Singhar) के बयान पर आदिवासी नेता रंजना बघेल (Ranjana Baghel) ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री ने रंजना ने कहा कि 6 महीने तक ये पता नहीं कौन सी गुफा में तड़ीपार हो गए थे और वहां पर तुलसीदास जी रामायण को न पड़ते हुए खुद की रामायण बना ली।
दरअसल, शुक्रवार को पूर्व मंत्री उमंग सिंघार धार (Dhar) जिले पहुंचे। जहां वे जननायक भगवान बिरसा मुंडा की 123वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने राम-राम कहकर अपनी बात शुरू की और विधायक ने कहा कि भगवान श्री राम को लंका तक पहुंचाने वाले आदिवासी ही थे। कहानीकारों ने उन्हें वानर बता दिया। भगवान श्री हनुमान भी आदिवासी हैं। हम बिरसामुंडा, टंट्या मामा, हनुमानजी के वंशज हैं। हमें आदिवासी होने पर गर्व है।
उमंग सिंघार के इस बयान पर आदिवासी नेता रंजना बघेल ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि 6 महीने तक ये पता नहीं कौन सी गुफा में तड़ीपार हो गए थे और वहां पर तुलसीदास जी रामायण को न पड़ते हुए खुद की रामायण बना ली। इनमें कभी आदिवासियों का नेचर रहा ही नहीं। वो आदिवासी संस्कृति आज भी नहीं जानते, शहरों में रहे हैं, उन्हें आदिवासियों की संस्कृति का नॉलेज नहीं है।
वहीं आज गंधवानी विधायक उमंग सिंगार ने पलटवार करते हुए कहा कि रंजना बघेल कौन है मैं नहीं जानता। उनके बारे में कुछ बोलना उचित नहीं है। वहीं रही बात हनुमान जी की तो जब राम जी निकले थे, अयोध्या से तो अकेले निकले थे। उनकी पत्नी के साथ लक्ष्मण जी के साथ जंगल में उनको शबरी मिली। शबरी के बेर खाए तो क्या एक ही आदिवासी महिला थी।
ये जो आदिकाल से वास कर रहे हैं आदिवासी थे। जिन्होंने राम जी को लंका तक पहुंचाया। मैं तो यह जानना चाहता हूं कि हम तो कहते हैं कि हम उनके वंशज हैं। हनुमान जी के वंशज है, टंट्या मामा के वंशज है, बिरसा मुंडा के वंशज है। जिस प्रकार अपने-अपने तरीके से पौराणिक बातें लिखी गई है जो आपके वन्य प्राणी थे वो राम जी को ले गए। फिर शबरी कहां से आई। हनुमान जी को अगर मैंने आदिवासी समाज का बताया तो इसमें सम्मान किया उनका, कोई अपमान नहीं किया।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक