नई दिल्ली . दिल्ली-एनसीआर में अब फ्लाईओवर और अंडरपास के नीचे की जमीन का शत-प्रतिशत इस्तेमाल किया जाएगा. राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के किनारे अब खाली जमीन पर चार्जिंग हाउस बनाए जाएंगे. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इन खाली जगहों पर वेयर हाउस, पेट्रोल पंप और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग के साथ फूड कॉर्नर बनाएगी. NHAI उन जमीनों को इस्तेमाल में लाएगी जो एक्सप्रेस-वे और हाईवे बनाने किए अधिग्रहित तो की गई, लेकिन एलाइनमेंट के हिसाब से निर्माण क्षेत्र से बाहर हो गईं. NHAI अब इन्ही जमीनों को व्यावसायिक काम में लाना चाह रही है.
एनएचएआई ने सभी बड़ी जगहों पर पार्क या फिर अपने दफ्तर बना रखे हैं, लेकिन अब पार्किंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने के साथ यह सुविधाएं दी जाएंगी. यदि कहीं अतिरिक्त जगह उपलब्ध होगी तो वहां शौचालय और शीतल जलपान की व्यवस्था भी की जाएगी. उधर, दिल्ली लोक निर्माण विभाग भी इस दिशा में काम कर रहा है. अंडरपास और फ्लाईओवर के नीचे खाली जगह को चिह्नित करना शुरू कर दिया गया है.
ई-वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद फ्लाईओवर और अंडरपास के नीच काफी जगह बीच होती है, जिसका कोई इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
बीते वर्षों में अथॉरिटी और निकायों ने मिलकर कुछ जगहों पर पार्क विकसित किए हैं या फिर उनके नीचे सरकारी कार्यालय बना लिए हैं. एनएचएआई ने अक्षरधाम फ्लाईओवर के नीचे अपना दफ्तर और कंट्रोल रूम बना रखा है.
दिल्ली लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जन जगहों पर पार्किंग बनाने में सड़क सुरक्षा के लिहाज से कोई परेशानी नहीं है, वहां चार्जिंग प्वाइंट बनाएंगे, ताकि लोग पार्किंग में वाहन खड़ा करते वक्त उसे चार्ज भी कर सकें. वहीं, बच्चों के खेलने के लिए पार्क, जिम, फूड कोर्ट से लेकर अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, लेकिन यह सिर्फ उन जगहों पर होंगी, जहां फ्लाईओवर के नीचे कोई ट्रैफिक नहीं होगा. ईवी की तेजी से बढ़ती बिक्री को देखकर यह प्लान बनाया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर में आने वाले समय में ई-वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए पहली कोशिश पार्किंग और ईवी चार्जिंग प्वाइंट बनाने की है.
बैटरी स्वैपिंग को भी बढ़ावा दे रही सरकार
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर रही है. ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए आगामी और ऑपरेशनल हाईवे पर 700 स्पॉट की पहचान की गई है. जहां चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग दोनों सुविधाएं शामिल होंगी.