इस्लामाबाद। आजादी के बाद आर्थिक मोर्चे पर सबसे बड़ा संकट झेल रहे पाकिस्तान के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान सरकार के प्रस्तावित बजट में नई कर माफी योजना को ‘हानिकारक मिसाल’ करार देते हुए कहा कि सरकार ने ‘कर आधार’ को व्यापक बनाने का अवसर गंवा दिया है.

कर्ज से लदा पाकिस्तान डिफॉल्ट के खतरे से बचने के लिए अपने विदेश मुद्रा भंडार को बढ़ाने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.4 बिलियन डॉलर की किश्त की ओर आस लगाए हुए है, लेकिन आईएमएफ इस रकम को देने से पहले सरकार को उन तमाम कठिन फैसलों को लेने के लिए बाध्य कर रहा है, जिससे वह अब तक परहेज करती रही है.

इस कड़ी में पाकिस्तान सरकार द्वारा पेश किए गए 14.5 ट्रिलियन रुपए के विस्तारित बजट पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में आईएमएफ के निवासी प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज़ रुइज़ ने कहा कि एमनेस्टी योजना अच्छे ‘शासन एजेंडे’ और 6.5 बिलियन डॉलर के कार्यक्रम के उद्देश्य के खिलाफ भी है.

आईएमएफ का बयान वित्त मंत्री इशाक डार द्वारा नेशनल असेंबली में नए बजट की प्रस्तुति के पांच दिन बाद आया है. इसमें पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच बजट के बाद गंभीर मतभेदों पर प्रकाश डाला गया है. एस्थर ने कहा कि नई कर माफी योजना, कार्यक्रम की शर्तों और शासन के एजेंडे के खिलाफ है, यह एक ‘हानिकारक मिसाल’ कायम करती है.

बता दें कि आईएमएफ कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान किसी भी प्रकार की कर माफी नहीं दे सकता है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट सरकार ने भी इस शर्त पर सहमति जताई थी, लेकिन चुनाव से पहले बढ़ते दबाव के बीच अब इसका उल्लंघन कर रही है.