लखनऊ. बसपा सरकार में बड़ा फर्जीवाड़ा होने की बात कही जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल के दौरान उनके भाई और भाभी को गलत तरीके से फ्लैट देने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि मायावती के भाई और भाभी को लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित नोएडा अपार्टमेंट परिसर में 261 फ्लैटों को फर्जी तरीके से आवंटित किया गया था. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.

मीडिया रिपोर्ट‌ के अनुसार साल 2010 में जब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब उनके भाई और भाभी को नोएडा में 261 सस्ते फ्लैट आवंटित किए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट फर्म लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने नोएडा स्थित अपार्टमेंट को विकसित किया था. ये फ्लैट गलत तरीके से और बहुत कम कीमत पर आवंटित किया गया था. साल 2010 में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड एक कंपनी बनी जिस समय प्रदेश का बागडोर मायावती के हाथ में थी. कंपनी बनने के तीन महीने बाद जुलाई 2010 में मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रा लता को नोएडा में उनकी परियोजना ब्लॉसम ग्रीन्स में दो लाख वर्ग फुट जगह बेचने का समझौता किया. इसे आनंद कुमार को 2,300 रुपए और विचित्र लता को 2,350 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बेचा गया. इस हिसाब से मायावती के भाई और भाभी को यह संपत्ती क्रमंंशा: 46.02 करोड़ रुपए और 46.93 करोड़ रुपए में मिली.

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यूपी सरकार के अधीन आने वाली नोएडा अथॉरिटी ने लॉजिक्स इंफ्राटेक को ब्लॉसम ग्रीन्स में 22 टावर विकसित करने के लिए 24.74 एकड़ जमीन लीज पर दी थी. सितंबर 2012 तक कंपनी ने इस परिसर में बने कुल 2,538 फ्लैटों में से 2,329 फ्लैट बेचे. कुल 8 टावर में बने 944 फ्लैट में से 848 में लोग रहने लगे हैं, लेकिन अभी भी 14 टावर खाली पड़े हैं. ये टावर बनकर तैयार हैं, लेकिन इन्हें अभी तक कब्जा पत्र नहीं मिला है. कंपनी ने 2016 को क्रमशः 28.24 करोड़ रुपए और 28.19 करोड़ रुपए के “अग्रिम” भुगतान करने के बाद आनंद कुमार और विचित्र लता को क्रमशः 135 और 126 कुल 261 फ्लैट आवंटित किए थे.

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फ्लैट आवंटित होने के करीब चार साल बाद फरवरी 2020 में सिविल वर्क पूरा करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स ने लॉजिक्स को 7.72 करोड़ रुपए का बिल थमा दिया. जिसको लॉजिक्स ने कोरोना का हवाला देते हुए देने में असमर्थता व्यक्त की. लॉजिक्स कंपनी अपनी बकाया भुगतान चुकाने में असमर्थ रही जिसके देखते हुए लॉजिक्स इंफ्राटेक के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दे दिया.